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NGO क्या होता है ? NGO कैसे काम करता है और NGO का क्या काम होता है ? Go my class

NGO क्या होता है ? NGO कैसे काम करता है और NGO का क्या काम होता है ? विस्तार से जानिए..

NGO क्या होता है ? NGO कैसे काम करता है और NGO का क्या काम होता है ? Go my class
NGO क्या होता है ?

दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएँगे की NGO क्या होती है और NGO कैसे कार्य करती है और साथ हीं यह भी बताएँगे की अगर आप भी NGO बनाना चाहते हैं तो इसका रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकते हैं NGO गैर-सरकारी संगठन होता है जो सामाजिक कार्यों के लिए बनाया जाता है इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं होता है NGO गरीब, असहाय लोगों को निस्वार्थ भाव से मुफ्त में सेवा और सहायता करता है। अगर आप भी गरीबों और असहाय लोगों की सेवा और सहायता करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, इसलिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें....


NGO full form in hindi:- NGO का फुल फॉर्म "गैर-सरकारी संगठन (Non-governmental organization)" होता है। NGO का मतलब एक ऐसे गैर सरकारी संगठन से है जो न तो सरकार का हिस्सा है और न हीं पारंपरिक लाभ का व्यवसाय है। यह गैर लाभकारी व्यवसाय है जो बुजुर्गों, बच्चों, गरीब असहाय लोगों और पर्यावरण इत्यादि से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए बनाया गया एक संगठन है।


NGO क्या है ?


NGO का मतलब गैर-सरकारी संगठन है जो एक निजी संगठन होता है। NGO द्वारा लोगों की मदद कर के सामाजिक काम किया जाता है जिसमे कई तरह के काम किए जाते हैं जैसे- विधवा महिलाओं के लिए आवास, गरीब अनाथ बच्चों को पढ़ना, महिलाओं की सुरक्षा, पेड़-पौधे लगाना आदि। इस संगठन में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है।

समाज कल्याण करना NGO का मुख्य उद्देश्य है। यह ऐसा संगठन है जिसे कोई भी व्यक्ति चला सकता है।


NGO कैसे काम करता है ?


NGO को किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं चलाया जा सकता है। NGO में 7 या इससे ज्यादा व्यक्ति शामिल होते हैं। इसका मकसद लाभ प्राप्त करना नहीं होता है बल्कि इस संगठन को लोगों को सहायता करने के लिए बनाया जाता है। किसी ऐसे व्यक्तियों का समूह जो सामाजिक कार्य या सामाजिक सुधार का काम करने की इच्छा रखते है तो वह Registered या Non-Registered NGO द्वारा इन कार्यों को कर सकते हैं।


परन्तु रजिस्टर्ड NGO होने का यह फायदा है की आप सामाजिक कल्याण के लिए जो कार्य कर रहे हैं उसके लिए आप सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई समाज सेवक सामाजिक कल्याण का काम सरकार की सहायता के बिना करना चाहता है तो वह रजिस्टर्ड किए बिना भी NGO चला सकता है।


भारत में लगभग 1 से 2 लाख तक NGO होने का अनुमान है। भारत के सभी NGO केन्द्रीय society अधिनियम के अंतर्गत आते हैं जबकि राजस्थान में राजस्थान सोसाइटी अधिनियम बना है।


NGO के कार्य (work of NGO)


NGO के कार्य में विभिन्न तरह के काम शामिल है जिसमें गरीब-बेसहारा लोगों की ज़रूरतों को पूरा करना और सिर्फ गरीब और बेसहारा ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों की भी सहायता करना जो शारीरिक रूप से कार्य करने में अयोग्य होते है।


दुनिया भर में NGO विभिन्न प्रकार के समाज कल्याण और मानव कल्याण के उद्देश्य से कार्य करते है। यह संगठन निरंतर विकास की दिशा में काम करते है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाते है।


NGO का कार्य जरुरतमंद लोगों की सहायता करना है। यह गरीब बेसहारा लोगों के दुःख-दर्द को समझते है। वह ऐसे कई सारे लोगों को ढूंढ ही लेते है जो इनके साथ-साथ गरीब लोगों की मदद कर सके। NGO का काम पैसा कमाना नही होता यह लोगों की मदद करने का काम करती है। यही NGO की विशेषता होती है।


वैसे तो NGO द्वारा कई तरह के कार्य किये जाते है लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक कारणों पर कार्य करना होता है।


NGO के उद्देश्य में शामिल कुछ मुख्य कार्य इस प्रकर है:-

  • गरीब अनाथ बच्चों को शिक्षा देना।

  • स्कूल में बच्चों को अच्छा भोजन दिलवाना।

  • आर्थिक से रूप से कमजोर बच्चों को किताबें प्रदान करना।

  • महिलाओं को आवास देना।

  • जल संवर्धन के कार्य करना।

  • आदिवासी समाज की समस्या हल करना।

  • समाज में किसी तरह की बीमारी से झुझ रहे लोगों की मदद करना।

  • वृद्ध लोगों की मदद करना।


NGO कैसे बनाए?


अगर आप NGO बनाना चाहते है तो उसके लिए पहले आपको NGO संस्था बनाने के नियम को समझना होगा। क्योंकि यह नियम राज्य के हिसाब से अलग-अलग होते है। इन नियमों को Follow करके ही आप NGO बना सकते है।


NGO में काम करने के लिए आपको NGO का सदस्य बनना होगा। आप NGO के Registration के समय ही इसके सदस्य बन सकते है। NGO के गठन के लिए कम से कम 7 सदस्य होना जरुरी है।


NGO के गठन के लिए आपको इसके लक्ष्य, उद्देश्य को तय करने के साथ ही इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, सलाहकार सदस्य आदि सदस्य तय करने होते है। इन सबसे मिलकर ही एन.जी.ओ की संरचना होती है।


NGO शुरू करने से पहले आपको लोगों की परेशानियों को पहचानना होगा। उसके हिसाब से अपने NGO के उद्देश्य और मिशन को पहचाने और समाज के अंदर लोगों को क्या समस्याएं है उसके अनुसार NGO में कार्य करना होगा।


बहुत से लोग अपनी समस्या के लिए आवाज़ नहीं उठा पाते है। उनकी समस्या कोई नहीं सुनता, इसलिए किसी भी NGO का यही उद्देश्य होना चाहिए की वह लोगों की परेशानी को सुने, समझे और उसके हिसाब से अपने NGO को शुरू करे तभी NGO का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है।


गैर सरकारी संगठन को स्थापित करने के लिए ऐसे लोगों का समूह बनाये जो सभी कार्यों को एक सही रणनीति जिसमें वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन, और नेटवर्किंग जैसे सभी तरह के कार्यो को कर सके और उन निर्णयों को लेने के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी भी हो।



NGO बनाने के लिए जरुरी दस्तावेज


यदि आप NGO के लिए रजिस्टर कर रहे है तो आपके पास कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स होने चाहिए जैसे:-

  • ट्रस्ट डीड / मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन

  • नियम और विनियम / ज्ञापन

  • एसोसिएशन विनियमन के लेख

  • राष्ट्रपति से शपथ पत्र

  • आईडी प्रूफ (वोटर आईडी / आधार कार्ड)

  • निवास प्रमाण (Domicile Certificate)

  • पंजीकृत कार्यालय का पता प्रमाण

  • पासपोर्ट (अनिवार्य)

NGO की स्थापना करने के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरुरत होगी।


अगर आप NGO शुरू करने जा रहे है तो आपको अपने NGO के नाम से अलग बैंक अकाउंट खुलवाना होगा, अगर आपका बैंक में अकाउंट नहीं है । इसके लिए आपके पास पैनकार्ड होना चाहिए, क्योंकि इसकी मदद से आप बैंक अकाउंट खुलवा पाएंगे। खाता इसलिए खुलवाया जाता है क्योंकि यदि कोई डोनेशन देता है तो वह NGO के खाते में ही जाता है।


NGO कैसे रजिस्टर्ड करें


यदि आप भारत देश में NGO बनाना चाहते है तो इसके लिए 3 तरह की प्रक्रिया होती है या आप NGO का रजिस्ट्रेशन इन 3 अधिनियम में से किसी एक अधिनियम में कर सकते है।


1. Trust Act:- ट्रस्ट एक्ट भारत के अलग-अलग राज्यों में होता है परन्तु यदि किसी राज्य में Trust अधिनियम नही है तो उस राज्य में 1882 ट्रस्ट एक्ट लागू होता है। इस अधिनियम के अंतर्गत कम से कम दो Trustees होना जरुरी है।


अगर इस अधिनियम के तहत NGO का रजिस्ट्रेशन करना है तो आपको Charity Commissioner या Registrar के ऑफिस में आवेदन देना होगा। Trust Act के अंतर्गत NGO Register करने के लिए आपको Deed Document लगाना होगा।


2. Society Act:- इस अधिनियम के तहत NGO को सोसाइटी के रूप में रजिस्टर किया जाता है। लेकिन कुछ राज्यों जैसे- महाराष्ट्र राज्य में सोसाइटी अधिनियम के तहत NGO को Trustee के तौर पर भी Registered किया जा सकता है।


सोसाइटी एक्ट में रजिस्ट्रेशन करने के लिए ‘Memorandum Of Association And Rules And Regulation Document’ लगाया जाता है। इस डॉक्यूमेंट को बनाने के लिए कम से कम 7 सदस्यों की आवश्यकता होती है ना की स्टाम्प पेपर की आवश्यकता पड़ती है।


3. Companies Act:- कम्पनीज एक्ट के अंतर्गत NGO का रजिस्ट्रेशन करने के लिए ‘Memorandum And Articles Of Association And Regulation Document’ की आवश्यकता होती है।


इस दस्तावेज को बनाने के लिए किसी भी प्रकार के स्टाम्प पेपर की जरुरत नही होती है और यह दस्तावेज बनाने के लिए कम से कम तीन सदस्यों का होना जरूरी है।



NGO के नाम (NGO in India)


भारत में टॉप 5 NGO ऐसे है जिन्होंने NGO के रूप में बहुत ही अच्छा काम किया है और ज़रूरतमंद लोगों की मदद कर सराहना प्राप्त की। उनके काम को सभी लोगों ने पसंद किया। उन NGO के नाम कुछ इस प्रकार है:-

  1. मुस्कान फाउंडेशन

  2. नन्ही कली

  3. गिव इंडिया फाउंडेशन

  4. गूंज

  5. हेल्पेज इंडिया

  6. अक्षया ट्रस्ट

  7. उदय फाउंडेशन

  8. बीइंग ह्यूमनगूंज, रोशनी

  9. सम्मान फाउंडेशन

  10. सरगम संस्था

  11. चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY)

  12. केयर इंडिया

  13. किस फाउंडेशन

  14. Honor फाउंडेशन

  15. प्रथम

  16. कुछ प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय NGO

  17. एमनेस्टी इंटरनेशनल

  18. राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल

  19. केयर इंटरनेशनल

  20. ऑक्सफैम

  21. ग्रीनपीस इंटरनेशनल


NGO के फायदे


गरीब और अनाथ बच्चों को अच्छा स्वास्थ एवं शिक्षा प्रदान करना।

सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के बच्चों को प्रोटीन युक्त भोजन मुहैया करवाना।


आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें प्रदान करना।

मानसिक एवं शारीरिक रूप से शोषित महिलाओं की मदद करना

जल संवर्धन के कार्य करना एवं जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना।

आदिवासी समाज को बेहतर स्वास्थ, सुविधाएं प्रदान करना एवं उनकी सभी समस्याओं को हल करना।


घर से निष्काषित गरीब एवं अनाथ वृद्ध लोगों को आवास, स्वास्थ सुविधाएँ एवं भोजन सुविधाएँ मुहैया कराना।

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