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Bihar Board Class 12th Hindi व्याकरण पर्यायवाची शब्द

Bihar Board Class 12th Hindi व्याकरण पर्यायवाची शब्द


पर्यायवाची शब्द को ‘प्रतिशब्द’ भी कहते हैं। अर्थ की दृष्टि से शब्दों के अनेक रूप हैं; जैसे––पर्यायवाची शब्द, युग्म शब्द, एकार्थक शब्द, विपरीतार्थक शब्द मंत्रोचरितप्राय शब्द इत्यादि। जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं। किसी भी समृद्ध भाषा में पर्यायवाची शब्दों की अधिकता रहती है। जो भाषा जितनी ही सम्पन्न होगी, उसमें पर्यायवाची शब्दों की संख्या उतनी ही अधिक होगी। संस्कृत में इनकी अधिकता है। हिन्दी के पर्यायवाची शब्द संस्कृत के तत्सम शब्द हैं जिन्हें हिन्दी भाषा ने ज्यों–का–त्यों ग्रहण कर लिया है।

यहाँ एक बात स्मरण रखने की यह है कि इन शब्दों में अर्थ की समानता होते हुए भी इनके प्रयोग एक तरह के नहीं हैं। ये शब्द अपने में इतने पूर्ण हैं कि एक ही शब्द का प्रयोग सभी स्थितियों में और सभी स्थलों पर अच्छा नहीं लगता–कहीं कोई शब्द ठीक बैठता है और कहीं कोई। प्रत्येक शब्द की महत्ता विषय और स्थान के अनुसार होती है। कुछ पर्यायवाची शब्दों की तालिका नीचे दी जा रही है–

अग्नि – आग, वह्नि, पावक, अनल, वायुसखा, दहन, धूमकेतु, कृशानु।असुर – दनुज, दानव, दैत्य, राक्षस, यातुधान, निशिचर, निशाचर, रजनीचर।अनुपम – अपूर्व, अनोखा, अद्भुत, अनूठा, अद्वितीय, अतुल।अमृत – पीयूष, सुधा, अमिय, जीवनोदक।अश्व – वाजि, हय, घोटक, घोड़ा, सैन्धव, तुरग, तुरंग।आँख – नेत्र, लोचन, नयन, चक्षु, दृग, अक्षि, अम्बक, दृष्टि, विलोचन।।आकाश – द्यौ, व्योम, गगन, अभ्र, अम्बर, नभ, अन्तरिक्ष, आसमान, अनन्त।आम – आम्र, चूत, रसाल, अमृतफल, सहकार, अतिसौरभ, च्युत (आम का पेड़)।आनन्द – मोद, प्रमोद, हर्ष, आमोद, सुख, प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास।आश्रम – मठ, विहार, कुटी, स्तर, अखाड़ा, संघ।।


इच्छा – आकांक्षा, ईप्सा, अभिलाषा, चाह, कामना, मनोरथ, स्पृहा, ईहा, वांछा।इन्द्र – सुरपति, मघवा, पुरन्दर, वासव, महेन्द्र, देवराज।कपड़ा – वस्त्र, पट, वसन, अम्बर, चीर।कमल – सरोज, जलज, अब्ज, पंकज, अरविन्द, पद्म, कंज, शतदल, अम्बुज, सरसिज।किरण – मरीचि, मयूख, अंशु, कर, रश्मि, प्रभा, अर्चि, गो।कुबेर – किन्नरेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज।।गणेश – लम्बोदर, एकदन्त, मूषकवाहन, गजवदन, गजानन, विनायक, गणपति, विघ्ननाशक।गंगा – जाह्ववी, देवनदी, सुरसरित, भागीरथी, मन्दाकिनी, देवापागा, ध्रुवनन्दा।घर, निकेतन, भवन, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम, गृह।मम्मी गदहा – खर, गर्दभ, धूसर, रासभ, बेशर, चक्रीवान, वैशाखनन्दन।


चन्द्र – चाँद, चन्द्रमा, हिमांशु, सुधांशु, सुधाकर, सुधाधर, राकेश, शशि, सारंग,निशाकर, निशापति, रजनीपति, मृगांक, कलानिधि।चोर – तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुम्भिल, खनक, साहसिक।जल – नीर, सलिल, उदक, पानी, अम्बु, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत, मेघपुष्प।यमुना – सूर्यसुता, सूर्यतनया, कालिन्दी, अर्कजा, कृष्णा।तालाब – सर, सरोवर, तड़ाग, हृद, पुष्कर, जलाशय, पदमाकर।दास – अनुचर, चाकर, सेवक, नौकर, भृत्य, किंकर, परिचारक।दुःख – पीड़ा, व्यथा, कष्ट, संकट, शोक, क्लेश, वेदना, यातना, यंत्रणा, खेद।देवता – सुर, अमर, देव, निर्जर, विबुध, त्रिदंश, आदित्य, गीर्वाण।दव्य – धन, वित्त, सम्पदा, विभूति, दौलत, सम्पत्ति।


नदी – सरिता, तटिनी, आपगा, निमग्रगा, निझारिणी, कूलंकषा, तरंगिणी।नौका – नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, पतंग।पत्नी – भार्या, दास, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया, अर्धांगिनी।पति – भर्ता, बल्लभ, स्वामी, आर्यपुत्र।हवा – वायु, समीर, मरुत्, वात, बयार, प्रकम्पन, समीरण, पवन।विहंग, विहग, खग, पखेरू, परिन्दा, चिड़िया, शकुन्त, अण्डज, पतंग, द्विज।पर्वत – भूधर, शैल, अचल, महीधर, गिरि, नग, भूमिधर, तुंग आद्रि, पहाड़।पण्डित – सुधी, विद्वान्, कोविद, बुध, धीर, मनीषी प्राज्ञ, विचक्षण।पुत्र – तनय, सुत, बेटा, लड़का, आत्मज, तनुज।पुत्री – तनया, सुता, बेटी आत्मजा, दुहिता, नन्दिनी, तनुजा।


पृथ्वी – भू, इला, भूमि, धरा, उर्वी, धरती, धरित्री, धरणी, वसुधा, वसुंधरा।पुष्प – फूल, सुमन, कुसुम, प्रसून।बाण – तीर, शर, विशिख, आशुग, शिलीमुख, इषु, नाराच।बिजली – चंचला, चपला, विद्युत्, सौदामनी, दामिनी, तड़ित्, बीजुरी, क्षणप्रभा।ब्रह्मा – आत्मभू, स्वयम्भू, चतुरानन्, पितामह, हिरण्यगर्भ, लोकेश, विधि, विधाता।वृक्ष – तरु, द्रुम, पादप, विटप, अगम, पेड़, गाछ।मछली – मत्स्य, झख, मीन, जलजीवन, सफरी (शफरी), झष (झख)।महादेव – शम्भु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश।मेघ – घन, जलघर, वारिद, बादल, नीरद, वारिघर, पयोद, अम्बुद, पयोधर।मुनि – यती, अवधूत, सन्यासी, वैरागी, तापस, सन्त, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष।


रात्रि – शर्वरी, निशा, रात, रैन, रजनी, यामिनी, त्रियामा, विभावरी, क्षणदा।राजा – नृप, भूप, महीप, महीपति, नरपति, नरेश, भूपति, राव, सम्राट्।विष्णु – गरुड़ध्वज, अच्युत, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वम्भर, मुकुन्द, नारायण, ऋषिकेष।समुद – सागर, जलधि, पारावार, सिन्धु, नीरनिधि, नदीश, पयोधि, अर्णव, पयोनिधि।समूह – समुदाय, वृन्द, गण, संघ, पूंज, दल, झुण्ड, मण्डली, टोली, जत्था।सरस्वती – ब्राह्मी, भारती, भाषा, वाक्, गिरा, शारदा, वीणापाणि, वागीशा।सर्प – अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, उरग, पतंग, नाग, साँप।सोना – सुवर्ण, स्वर्ण, कंचन, हाटक, कनक, हिरण्य, हेम, जातरूप।सूर्य – मार्तण्ड, दिनकर, रवि, भास्कर, मरीची, प्रभाकर, सविता, पतंग, दिवाकर, हंस।शार्दूल, व्यास, पंचमुख, मृगराज, मृगेन्द्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर।सुन्दर – रुचिर, चारु, रम्य, सुहावना, मनोहर, रमणीक, चित्ताकर्षक, ललित।स्त्री – नारी, वनिता, महिला, कान्ता, रमणी।


 
 
 

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