Bihar Board Class 12th Hindi व्याकरण अनेकार्थक शब्द
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- Feb 21
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Bihar Board Class 12th Hindi व्याकरण अनेकार्थक शब्द
हिन्दी में कुछ ऐसे शब्द प्रयोग में आते हैं जिनके अनेक अर्थ होते हैं। ये भिन्न–भिन्न प्रसंगों के अनुसार गृहीत हैं। कुछ शब्दों का सूची इस प्रकार है–
शब्द – अर्थअर्थ – धन, मतलब, कारण, लिए।अक्ष – आँख, सर्प, ज्ञान, मण्डल, रथ, चौसर का पासा, धुरी, पहिया, आत्मा, कील।अपवाद– कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।अतिथि– मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति।अरुण– लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी।आपत्ति– विपत्ति, एतराज।उत्तर – उत्तर दिशा, जवाब, हल इत्यादिकला – अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।कर – हाथ, सैंड, किरण, टैक्स।कर्ण – कर्ण (नाम), कान।कुशल– खैरियत, चतुर।।खग – पक्षी, तारा, गन्धर्व, वाण।
गो – बाण, आँख, वज्र, गाय, स्वर्ग, पृथ्वी, सरस्वती, सूर्य, बैल।गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, पिंगल के गण।घन – बादल, अधिक, घना, जिसमें लम्बाई–चौड़ाई और मोटाई बराबर हो।जलज– कमल, मोती, शंख, मछली चन्द्रमा, सेवार।जाल – फरेब, बुनावट, जाला।तारा – आँख की पुतली, नक्षत्र, बालि की स्त्री, बृहस्पति की स्त्री।धन – सम्पत्ति, योग।नाग – हाथी, साँप।पक्ष – पन्द्रह, दिन का समय, ओर पंख, बल, सहाय, पार्टी।अंक – गिनती के अंक, नाटक के अंक, अध्याय, चिह्न, संख्या, भाग्य।अक्षर – ब्रह्मा, विष्णु, अकारादि, वर्ण, शिव, धर्म, मोक्ष, गगन, सत्य, जल, तपस्या इत्यादि।अम्बर – आकाश, कपड़ा।अमृत – स्वर्ण, जल, पारा, दूध, अन्न।
अपेक्षा – इच्छा, आवश्यकता, आशा, बनिस्वत इत्यादि।आम – आम का फल, सर्वसाधारण।कनक – धतूरा, सोना।केवल– एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान।कोट – पहनने का कोट, किला।कोटि – धनुष का सिरा, श्रेणी, करोड़।खर – दुष्ट, गधा, तिनका, एक राक्षस।खल – दुष्ट, धतूर, दवा कूटने का खरल।गुरु – शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, भार।गति – चाल, हालत, मोक्ष इत्यादि।जीवन – जल, प्राण, जीवित।जलधर – बादल, समुद्र।दव्य – वस्तु, धन।दंड – डण्डा, सजा।
धर्म – प्रकृति, स्वभाव, कर्तव्य, सम्प्रदाय।निशाचर – राक्षस, प्रेत, उल्लू, चोर।पतंग – सूर्य, पक्षी, टिड्डी, फतिंगा, गुड्डी।पत्र – पत्ता, चिट्ठी, पंख।पृष्ठ – पीठ, पन्ना, पीछे का भाग।प्रभाव – सामर्थ्य, असर, महिमा, दबाव।बल – सेना, शक्ति।मधु – शहद, शराब, वसन्तऋतु।फल – नतीजा, पेड़ का फल।मित्र – दोस्त, सूर्य, प्रिय, सहयोगी।वर्ण – जाति, रंग, अक्षर।विग्रह – लड़ाई, शरीर, देवता की मूर्ति।विषम – जो सम न हो, भीषण, बहुत कठिन।शिव – मंगल, महादेव, भाग्यशाली।सुधा – अमृत, पानी।
स्थूल – मोटा, सहज में दिखाई देने या समझ में आने योग्य।हंस – प्राण, पक्षिविशेष।हस्ती – हाथी, अस्तित्व।मान – इज्जत, अभिमान, नाप–तौल।वन – जंगल, जल।पय– दूध, पानी।पानी – जल, इज्जत, चमक।बलि – राजा बलि, बलिदान, उपहार, कर इत्यादि।महावीर – हनुमान, बहुत बलवान्, जैन तीर्थकर।मक – गूंगा, चुप, विवश।हरी – विष्णु, इन्द्र, सर्प, मेढ़क, सिंह, घोड़ा, सूर्य, चाँद, तोता, वानर, यमराज, हवा, ब्रह्मा, शिव, किरण, कोयल, हंस, आग, पहाड़, हाथी, कामदेव, हरा रंग इत्यादि।
शुद्ध – पवित्र, ठीक, जिसमें मिलावट न हो।सर – तालाब, सिर, पराजित।सेहत – सुख, स्वास्थ्य, रोग से छुटकारा।हरकत – गति, चेष्टा, नटखटपन।हीन – रहित, दीन, निकृष्ट।लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य।विरोध – वैर, विपरीत भाव।
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