Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
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Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
Bihar Board Class 12 Geography अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Textbook Questions and Answers
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
प्रश्न 1.दो देशों के मध्य व्यापार कहलाता है –(क) अंतर्देशीय(ख) बाह्य व्यापार(ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार(घ) स्थानीय व्यापारउत्तर:(ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
प्रश्न 2.निम्नलिखित में से कौन-सा एक स्थलबद्ध पोताश्रय है?(क) विशाखापट्नम(ख) मुंबई(ग) एन्नोर(घ) हल्दियाउत्तर:(क) विशाखापट्नम
प्रश्न 3.भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार वहन होता है –(क) स्थल और समुद्र द्वारा(ख) स्थल और वायु द्वारा(ग) समुद्र और वायु द्वारा(घ) समुद्र द्वाराउत्तर:(ग) समुद्र और वायु द्वारा
प्रश्न 4.वर्ष 2003-04 में निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था?(क) यूनाइटेड किंग्डम(ख) चीन(ग) जर्मनी(घ) स. रा. अमेरिकाउत्तर:(ग) जर्मनी
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
प्रश्न 1.भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।उत्तर:1950-51 में भारत का विदेशी व्यापार का मूल्य 1,214 करोड़ रुपए था, जो कि वर्ष 2004-05 में बढ़कर 8,37,133 करोड़ रुपए हो गया। वर्ष 2004-05 में भारत के निर्यात में एशिया एवं ओशेनिया की 47.41 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। उसके बाद पश्चिमी यूरोप (23.80%) और अमेरिका (20.42%) आते हैं।
प्रश्न 2.पतन और पोताश्रय में अंतर बताइए।उत्तर:पतन समुद्री तट पर जहाजों के ठहरने के स्थान होते हैं। यहाँ पर सामान लादने उतारने की सुविधाएँ होती हैं। जबकि पोताश्रय समुद्र में जहाजों के प्रवेश करने का प्राकृतिक स्थान है। यहाँ जहाज लहरों तथा तूफान से सुरक्षा प्राप्त करते हैं। प्राकृतिक पोताश्रय जैसे मुंबई में, कृत्रिम पोताश्रय जैसे चेन्नई में।
प्रश्न 3.पृष्ठ प्रदेश के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।उत्तर:किसी भी पत्तन या बंदरगाह के आस-पास के वे राज्य जिनका आयात एवं निर्यात एक ही पतन से होता है। उसे उस पतन का पृष्ठ प्रदेश कहा जाता है।
प्रश्न 4.उन महत्त्वपूर्ण मदों के नाम बताइए जिन्हें भारत विभिन्न देशों से अयात करता है?उत्तर:भारत विभिन्न देशों से पेट्रोलियम, उर्वरक, खाद्य तेल, लुगदी तथा अपशिष्ट पेपर, पेपर बोर्ड, अखबारी कागज, अलौह धातुएँ, धातुमयी अयस्क, लोहा एवं स्टील, मोती, मशीनरी, दालें, कोयला, गैर धात्विक खनिज, विनिर्माण, चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद, रासायनिक उत्पाद, वस्त्र धागे, कपडे, स्वर्ण एवं चाँदी तथा व्यावसायिक उपस्कर आदि आयात करता है।
प्रश्न 5.भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तनों के नाम बताइए।उत्तर:भारत के पूर्वी तट पर कोलकाता पत्तन हुगली नदी पर, हल्दिया पत्तन, पारादीप पत्तन, विशाखापट्नम पत्तन, चेन्नई पत्तन, एन्नोर पत्तन और तूतीकोरिन पत्तन आदि स्थित हैं।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें
प्रश्न 1.भारत में निर्यात और आयात व्यापार के संयोजन का वर्णन कीजिए।उत्तर:भारत के व्यापारिक संबंध विश्व के अधिकांश देशों एवं प्रमुख व्यापारी गुटों के साथ है। वर्ष 2004-05 के दौरान क्षेत्रानुसार एवं अपेक्षानुसार व्यापार तालिका 11.8 में दिया गया है। भारत का उद्देश्य आगामी पाँच वर्षों के दौरान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अपनी हिस्सेदारी दुगुना करने का है। वर्ष 2004-05 में भारत के निर्यात में एशिया एवं ओशेनिया की 47.41 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, उसके बाद पश्चिमी यूरोप (23.80%) और अमेरिका (20.42%) आते हैं। इसी प्रकार भारत के आयाम में एशिया एवं ओशेनिया की सर्वाधिक (35.40%) मात्रा है। इसके बाद पश्चिमी यूरोप (22.60%) तथा अमेरिका (8.36%) आते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार तथा भारत के निर्यात के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गंतव्य स्थान है। महत्त्व के आधार पर अन्य देशों में क्रमशः ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, स्विटजरलैंड, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर तथा मलेशिया आदि आते हैं। भारत का अधिकतर विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा संचालित होता है। हालांकि, विदेशी व्यापार का छोटा-सा भाग सड़क मार्ग द्वारा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान जैसे पड़ोसी राज्यों में सड़क मार्ग द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 2.भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति पर एक टिप्पणी लिखिए।उत्तर:समय के साथ. भारत के विदेशी व्यापार की प्रकृति में बदलाव आया है। आयात एवं निर्यात दोनों की ही मात्रा में वृद्धि हुई है, लेकिन निर्यात की तुलना में आयात का मूल्य अधिक है। पिछले कुछेक वर्षों में व्यापार घाटे में भी वृद्धि है। घाटे में हुई इस वृद्धि के लिए अपरिष्कृत (क्रूड) पेट्रोलियम को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है, जो भारत की आयात सूची में एक प्रमुख घटक है। भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वस्तुओं के संघटक में समय के साथ आए बदलाव में कृषि तथा समवर्गी उत्पादों का हिस्सा घटा है, जबकि पेट्रोलियम तथा अपरिष्कृत उत्पादों एवं अन्य वस्तुओं में वृद्धि हुई है। अयस्क खनिजों तथा निर्मित सामानों का हिस्सा वर्ष 1997-98 से 2003 04 तक लगभग एक जैसा रहा है। पेट्रोलियम उत्पादों के हिस्से में वृद्धि का कारण पेट्रोलियम के मूल्यों में वृद्धि के साथ-साथ भारत में तेलशोधन क्षमता में वृद्धि भी जिम्मेदार है।
परंपरागत वस्तुओं के व्यापार में गिरावट का कारण मुख्यतः कड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा है। कृषि उत्पादों के अंतर्गत कॉफी, मसाले, चाय व दालों आदि जैसी परंपरागत वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आई है। हालांकि पुष्पकृषि उत्पादों, ताजे फलों, समुद्री उत्पादों तथा चीनी आदि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2003-04 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र ने भारत के कुल निर्यात मूल्य में अकेले 75.96 प्रतिशत की भागीदारी अंकित की है। निर्यात सूची में इंजीनियरिंग सामानों ने महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्शाई है।
वस्त्रोद्योग क्षेत्र सरकार द्वारा उदारतापूर्ण उपाय उठाए जाने के बावजूद पर्याप्त उपलब्धि नहीं प्राप्त कर पाया। इस क्षेत्र में चीन तथा अन्य पूर्व एशियाई देश हमारे प्रमुख प्रतिस्पर्धी है। भारत के विदेश व्यापार में मणि-रलों तथा आभूषणों की एक व्यापक हिस्सेदारी है। भारत ने 1950 एवं 1960 के दशक में खाद्यान्नों की गंभीर कमी का अनुभव किया है। उस समय भुगतान संतुलन बिल्कुल विपरीत था। 1970 के दशक के बाद हरित क्रांति में सफलता मिलने पर खाद्यान्नों का आयात रोक दिया गया। लेकिन 1973 में आए ऊर्जा संकट से पेट्रोलियम के मूल्य उछाल आया फलतः आयात वजट भी बढ़ गया। खाद्यान्नों के आयात की जगह उर्वरकों एवं पेट्रोलियम ने ले ली।
Bihar Board Class 12 Geography अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.भारत में आयात और निर्यात के दो समूह कौ!-से हैं?उत्तर:ये दो समूह हैं –
ईंधन और
कच्चा माल और खनिज देश के कुल आयात में इन दो समूहों की 63% भागीदारी है।
प्रश्न 2.सबसे अधिक किन पदार्थों का आयात होता है?उत्तर:सबसे अधिक आयात पैट्रोलियम, पैट्रोलियम उत्पादों, उर्वरकों, बहुमूल्य और अल्प मूल्य रत्नों और पूँजीगत वस्तुओं का होता है।
प्रश्न 3.स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में व्यापार की स्थिति क्या थी?उत्तर:1950-51 में भारत विदेशी व्यापार 12.14 अरब रुपयों का था। तबसे इसमें निरन्तर वृद्धि हो रही है।
प्रश्न 4.भारत में आयात तथा निर्यात कितना है?उत्तर:भारत में लगभग 7,500 से अधिक वस्तुओं का निर्यात तथा लगभग 6,000 वस्तुओं का आयात किया जाता है।
प्रश्न 5.वर्ष 2004-2005 में भारत का वैदेशिक व्यापार का मूल्य 1950-51 की तुलना में कितना हो गया है?उत्तर:वर्ष 1950-51 में भारत का वैदेशिक व्यापार का मूल्य 1.214 करोड़ था, जो कि वर्ष 2004-05 में बढ़कर 8,37,133 करोड़ रुपए हो गया।
प्रश्न 6.पश्चिमी तट के छः प्रमुख पत्तनों के नाम बताइए।उत्तर:मुंबई, जवाहरलाल नेहरू ( न्हावा-शेवा), कांडला, मार्मागाओ, नया मंगलौर तथा कोच्चि है।
प्रश्न 7.पश्चिमी यूरोप से भारत किन वस्तुओं का आयात करता है?उत्तर:बहुमूल्य और अल्प मूल्य रत्न, चाँदी, सोना, मशीनें, उपकरण, औषधीय उत्पाद आदि।
प्रश्न 8.सबसे अधिक आयात संघटन में परिवर्तन किसमें हुआ?उत्तर:सबसे बड़ा सकारात्मक परिवर्तन पैट्रोलियम और पैट्रोलियम उत्पादों के समूह में हुआ है।
प्रश्न 9.निर्यात व्यापार में विनिर्मित वस्तुओं की भागीदारी कितनी है?उत्तर:सन् 2000-01 में विनिर्मित वस्तुओं की कुल भागीदारी 78.0% थी।
प्रश्न 10.कृषि उत्पादों में कौन-कौन सी वस्तुएँ शामिल हैं?उत्तर:कृषीय उत्पादों में, सामुद्रिक उत्पाद, मछलियाँ और उनके उत्पाद निर्यात की प्रमुख वस्तुएँ हैं।
प्रश्न 11.किन-किन देशों के साथ भारत के व्यापारिक सम्बन्ध हैं?उत्तर:पश्चिमी यूरोप, आंग्ल-अमेरिका, संयुक्त राज्य अमेरिका, अफ्रीका आशेनिया, पूर्वी यूरोप, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विटजरलैंड, जापान के साथ भारत के व्यापारिक संबंध हैं।
प्रश्न 12.मुंबई पत्तन के विषय में आप क्या जानते हैं?उत्तर:मुंबई एक प्राकृतिक पत्तन है और देश का सबसे बड़ा पत्तन है। यह पत्तन मध्य-पूर्व, भूमध्य सागरीय देशों, उत्तरी अफ्रीका, उत्तर अमेरिका तथा यूरोप के देशों के सामान्य मार्ग के निकट स्थित है जहाँ से देश के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग संचालित किया जाता है। यह पत्तन 20 कि.मी. लंबा तथा 6-10 कि.मी. चौड़ा है।
प्रश्न 13.भारतीय विदेशी व्यापार में वृद्धि के क्या कारण रहे हैं?उत्तर:भारतीय विदेशी व्यापार में वृद्धि के कारण इस प्रकार हैं जैसे कि विनिर्माण के क्षेत्र में संवेगी उठान, सरकार की उदार नीतियाँ तथा बाजारों की विविधरूपता आदि।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.भारत में कितने प्रमुख पत्तन हैं? किसी एक प्राकृतिक पोताश्रय का वर्णन कीजिए।उत्तर:भारत में प्रमुख 12 पत्तन हैं, छ: पूर्वी तट पर तथा छः पश्चिमी तट पर। मुंबई, जवाहरलाल नेहरू (न्हावा-शेवा), कांडला, मार्मागाओ, नया मंगलौर तथा कोच्चि पश्चिम तट के पत्तन हैं। कोलकाता/हल्दिया, पारादीप, विशाखापत्तनम, चेन्नई, इन्दौर ,और तूतीकोरन पूर्वी तट पर पत्तन है। मुंबई एक प्राकृतिक पोताश्रय और देश का सबसे बड़ा पत्तन है। इस पत्तन ने देश के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पत्तन द्वारा मुख्य रूप से पैट्रोलियम उत्पादों और शुष्क माल का व्यापार होता है।
प्रश्न 2.पश्चिमी यूरोप के साथ भारत के आयात निर्यात का वर्णन कीजिए।उत्तर:पश्चिमी यूरोप भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रदेश है। सन् 2000-01 की अवधि में कुल आयात 27% तथा कुल निर्यात 25% था। भारत के निर्यात का मुख्य भाग इस प्रदेश के आठ देशों-जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड, स्पेन और स्विटजरलैंड को जाता है। उन देशों को निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ हैं-रत्न आभूषण, सिले सिलाए वस्त्र, चमड़ा और चमड़े का सामान, मशीनें, दवाईयाँ, औषधि, हस्तशिल्प, प्लास्टिक उत्पाद, कालीन आदि। मुख्य आयात की जाने वाली वस्तुएं-बहुमूल्य और अल्प मूल्य रल, चाँदी, सोना, मशीनें, उपकरण, औषधीय उत्पाद आदि।
प्रश्न 3.ज्वारीय पत्तन कहाँ पर स्थित है तथा यहाँ से किन वस्तुओं का आयात निर्यात होता है?उत्तर:यह हुगली नदी पर स्थित एक नदीय पत्तन है। यह बंगाल की खाड़ी से 128 कि. मी. दूर अन्दर की ओर स्थित है। नदी में जल का न्यूनतम स्तर बनाए रखने तथा नौगम्यता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर तलमार्जन करना पड़ता है। इस पत्तन से विविध प्रकार की वस्तुओं का आयात-निर्यात किया जाता है। इनमें मुख्य हैं-मशीनें, इंजीनियरी का सामान, पैट्रोलियम और इसके उत्पाद, रसायन, चाय, चीनी, लोहा, इस्पात, जूट और जूट-उत्पाद, कपास और सूती धागे प्रमुख हैं।
प्रश्न 4.भारत के आयात व्यापार में किन दो समूहों की प्रधानता है?उत्तर:भारत के आयात व्यापार में वस्तुओं के दो समूहों की प्रधानता है:
ईंधन और
कच्चा माल और खनिज।
देश के कुल आयात में इन दो समूहों की 63% भागीदारी है। सन् 2000-01 में देश के कुल आयात में पैट्रोलियम और इसके उत्पादों की एक तिहाई की भागीदारी थी। इसमें कोयले का हिस्सा केवल 2.2% दूसरे समूह में मोती, बहुमूल्य और अल्प मूल्य रत्न, सोना, चाँदी प्रमुख वस्तुएँ थीं। विविध प्रकार के रसायनों का भी भारी मात्रा में आयात किया जाता है। इसी समूह की अन्य वस्तुएँ हैं-लोहा और इस्पात, अलौह धातुएँ तथा व्यावसायिक उपकरण और प्रकाशित वस्तुएँ।
प्रश्न 5.भारत में व्यापार संघटन का वर्णन कीजिए।उत्तर:भारत एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक राष्ट्र है। भारत के आर्थिक विकास में विदेशी व्यापार ने निर्णायक भूमिका निभाई है। 7,500 से भी अधिक वस्तुओं का निर्यात तथा लगभग 6,000 वस्तुओं का आयात किया जाता है। कृषि क्षेत्र से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों की वस्तुओं के साथ-साथ हथकरघों और कुटीर उद्योगों में निर्मित वस्तुएँ और हस्तशिल्प की वस्तुएँ निर्यात की जाती हैं। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के निर्यात में भी असाधारण वृद्धि हुई है। सबसे अधिक आयात पैट्रोलियम, पैट्रोलियम उत्पादों, उर्वरकों, बहुमूल्य और अल्प मूल्य रत्नों और पूँजीगत वस्तुओं का होता है। परम्परागत वस्तुओं के स्थान पर अनेक नई वस्तुओं का आयात और निर्यात होने लगता है।
प्रश्न 6.व्यापार संतुलन के घाटे को कम करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?उत्तर:सरकार ने घाटे को कम करने के लिए, निर्यात को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। सौदों की लागत घटाने के लिए कार्य प्रणालियों और औपचारिकताओं का विकेन्द्रीकरण और सरलीकरण किया गया है। बहुपक्षीय और द्विपक्षीय पहल, प्रधान क्षेत्रों की पहचान और विशिष्ट सुविधा प्राप्त प्रदेशों के द्वारा निर्यात को प्रोत्साहित करने की योजनाएँ बनाई गई हैं।
प्रश्न 7.उचित उदाहरण देते हुए पृष्ठ प्रदेश और शुष्क पत्तनों की व्याख्या कीजिए।उत्तर:पृष्ठ प्रदेश-ये विदेशों को भेजी जाने वाली वस्तुओं के संकलन केंद्र हैं तथा दूसरी ओर भारत आने वाली वस्तुओं को प्राप्त करके, देश के आंतरिक भागों में उनका वितरण करने वाले केन्द्रों के रूप में कार्य करते हैं। पत्तन पर समुद्री मार्गों से भारी मात्रा में माल आता है, जिनको पृष्ठ प्रदेश में वितरण किया जाता है इसके विपरीत पृष्ठ प्रदेश का माल यहाँ आता है और विदेशों को भेजा जाता है।
शुष्क पत्तन-इस पत्तन द्वारा मुख्य रूप से पैट्रोलियम उत्पादों और शुष्क माल का व्यापार किया जाता है। मुंबई पत्तन पर दबाव कम करने के लिए यहाँ से कुछ दूरी पर न्हावा-शेवा में जवाहरलाल नेहरू नाम का पंजीकृत पत्तन का विकास किया गया है। मुंबई पत्तन ने देश के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रश्न 8.विमान पत्तन किसे कहते हैं, “तथा मुक्त आकाश नीति” का क्या उद्देश्य है?उत्तर:वायु परिवहन के केंद्रों को विमान पत्तन कहा जाता है। इनका उपयोग मुख्य रूप से यात्री परिवहन के लिए किया जाता है। केवल हल्की और मूल्यवान वस्तुएँ ही मालवाहक वायुयानों द्वारा भेजी जाती हैं। मुक्त आकाश नीति का उद्देश्य भारतीय निर्यातकों की सहायता करना तथा उनके निर्यात को प्रतिस्पर्धात्मक बनाना है। इस नीति के अनुसार कोई विदेशी वायुयान कंपनी या निर्यातकों का संघ माल ले जाने के लिए देश में मालवाहक जहाज ला सकते हैं।
प्रश्न 9.किराए और माल भाड़े में क्या अन्तर है?उत्तर:किराया-यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने पर व्यय को किराया कहा जाता है। वायु परिवहन में रेल अथवा सड़क परिवहन की अपेक्षा अधिक किराया होता है। माल भाड़ा-भार (खाद्य पदार्थ, कच्चे माल, निर्मित वस्तुएँ) एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने पर व्यय को माल भाड़ा कहते हैं। भारी वस्तुएँ प्रायः जल परिवहन द्वारा भेजी जाती है तथा कम माल भाड़ा होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.भारत में विगत चार दशकों की अवधि में हुए आयात व्यापार के संघटक में परिवर्तन का उल्लेख करें।उत्तर:विगत चार दशकों में सबसे बड़ा सकारात्मक परिवर्तन पैट्रोलियम और पैट्रोलियम उत्पादों में हुआ है। इस समूह ने 1960-61 व 2000-01 की अवधि में 23.8% अंक लिए हैं। 1960-61 में कुल आयात मूल्य में वस्तुओं की भागीदारी 6.2% थी लेकिन यह बढ़कर 2000 01 में 31.0% पर पहुँच गई। यह तीव्र वृद्धि कीमतों की बढ़ोतरी के कारण हुई। सन् 1974 में तेल उत्पादक और निर्यातक देशों ने कच्चे पैट्रोलियम के मूल्य में कई गुनी वृद्धि के परिणामस्वरूप पैट्रोलियम का बिल बहुत भारी हो गया।
रसायनों और उर्वरकों के आयात में भागीदारी 1960 61 में 3.5% थी जो 2000-01 में 6.7% हो गई। उर्वरकों का आयात भी इस अविध में 0.9% से बढ़कर 1.5% हो गया। आयात में मशीनों, विद्युत और गैर विद्युत उपकरणों, यंत्रों और मशीनरी उपकरणों की भागीदारी में भी वृद्धि हुई। इसके विपरीत खाद्य और संबंधित उत्पादों जैसे-अनाज, दालों, दुग्ध उत्पादों, फलों और सब्जियों का अयात तेजी से घट गया। इसी अवधि में, निर्मित वस्तुओं का महत्त्व भी बहुत कम हो गया। जूट वस्त्र, सूती वस्त्र, चमड़े का सामान, लोहे तथा इस्पात ऐसे ही उत्पाद हैं। कच्चे माल के समूह की वस्तुओं के आयात में उल्लेखनीय कमी आई है। कच्चा रबड़, लकड़ी, इमारती लकड़ी, वस्त्रों के लिए धागे और लोहे खनिज के आयात में सबसे अधिक कमी हुई है। नीचे तालिका में आयात व्यापार में होने वाले परिवर्तन को दिखाया गया है।
तालिका भारत: आयात की वस्तुओं के संघटन में परिवर्तन 1960-61 और 2000-01
प्रश्न 2.भारत के प्रमुख पत्तनों का वर्णन करो। पश्चिमी तट के पत्तनों की विशेषताएँ तथा व्यापार का उल्लेख कीजिए।उत्तर:भारत में प्रमुख पत्तन 12 हैं। इनमें से छ: पूर्वी तट पर तथा छः पश्चिमी तट पर स्थित हैं। भारत के पश्चिमी तट पर कांडला, मुंबई, मार्मागाओ तथा कोच्चि प्रमुख पत्तन हैं। पूर्वी तट पर कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम तथा चेन्नई प्रमुख पत्तन हैं। मंगलौर और तूतीकोरन का बड़े पत्तनों के रूप में विस्तार किया जा रहा है। भारत के प्रमुख पत्तनों का उल्लेख इस प्रकार है –पश्चिमी तट के पत्तन –
1. कांडला:विशेषताएँ –
यह एक सुरक्षित व प्राकृतिक पत्तन है।
इसकी पृष्ठभूमि बहुत विशाल तथा सम्पन्न है, जिसमें समस्त उत्तर-पश्चिमी भारत के उपजाऊ प्रदेश हैं।
समुद्र की गहराई 10 मीटर से अधिक है।
यहाँ बड़े-बड़े जहाजों के ठहरने की सुविधाएँ हैं।
यह स्थान स्वेज समुद्री मार्ग पर स्थित है। (1) यह बन्दरगाह कराची की बन्दरगाह का स्थान लेगी।
व्यापार:सूती कपड़ा, सीमेंट, मशीनें तथा दवाइयाँ आयात की जाती हैं। सूती कपड़ा, सीमेंट, अभ्रक, तिलहन, नमक का निर्यात किया जाता है।
2. मुंबई:विशेषताएँ –
यह भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक व सुरक्षित बन्दरगाह है।
स्वेज मार्ग पर स्थित होने के कारण यूरोप के निकट स्थित है।
इसकी पृष्ठभूमि में काली मिट्टी का कपास क्षेत्र तथा औद्योगिक प्रदेश है।
अधिक गहरा जल होने के कारण बड़े-बड़े जहाज ठहर सकते हैं, परन्तु यहाँ कोयले की कमी है।
यहाँ पाँच डोकों (Docks) में उत्तम गोदामों की व्यवस्था है।
यह भारत की सबसे बड़ी बन्दरगाह है। यहाँ न्हावा शेव नाम का नए पत्तन बनाया जा रहा है।
इसे भारत का सिंह द्वारा भी कहते हैं। यह महाराष्ट्र की राजधानी है। यहाँ ट्राम्बे में भाभा अणु शक्ति केंद्र, मैरीन ड्राइव, गेटवे ऑफ इण्डिया तथा एलीफेंटा गुफाएँ दर्शनीय स्थान हैं।
यह भारतीय जल-सेना का प्रमुख केंद्र है। व्यापार-मशीनरी, पैट्रोल, कोयला, कागज, कच्ची फिल्में आयात की जाती हैं। सूती कपड़ा, तिलहन, मैगनीज, चमड़ा, तम्बाकू आदि निर्यात किया जाता है।
3. मार्मागाओ:विशेषताएँ –
यह एक प्राकृतिक पत्तन है।
इसकी पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के पश्चिमी भाग हैं।
इसमें 50 के लगभग जहाज खड़े हो सकते हैं।
व्यापार:खाद्यान्न, रसायनिक खाद्य, मशीनें, खनिज तेल का आयात होता है। नारियल, मूंगफली, मैगनीज, खनिज, लोहा निर्यात होता है।
4. कोचीन:विशेषताएँ –
यह एक लैगून झील के किनारे स्थित होने के कारण सुरक्षित बंदरगाह है।
इसकी पृष्ठभूमि में नीलगिरी का बागानी कृषि क्षेत्र या कोयम्बटूर का औद्योगिक प्रदेश है।
भारत का दूसरा पोत निर्माण केंद्र यहाँ पर है।
व्यापार:चावल, कोयला, पैट्रोल, रसायन, मशीनरी आयात की जाने वाली वस्तुएँ हैं। कहवा, चाय, काजू, गर्म मसाले, नारियल, इलायची, रबड़, सूती कपड़ा निर्यातक वस्तुएँ हैं।
प्रश्न 3.अन्तर बताइए:
आयात और निर्यात।
पत्तन और पोताश्रय।
विदेशी और घरेलू व्यापार।
उत्तर:1. आयात और निर्यात निर्यात
2. पत्तन और पोताश्रय
3. विदेशी व्यापार और घरेलू व्यापार
प्रश्न 4.निम्नलिखित का संक्षेप में उत्तर दीजिए।
भारत के विदेशी व्यापार की विशेषताएँ बताइए।
भारत में अन्य देशों से आयात की जाने वाली चार वस्तुओं के नाम बताइए।
भारत से निर्यात की जाने वाली चार प्रमुख वस्तुओं के नाम बताइए।
अफ्रीका के पाँच देशों के नाम बताइए, जिनसे भारत के व्यापारिक संबंध हैं।
पूर्वी तट पर स्थित भारत के पत्तनों के नाम बताइए।
भारत के एक राज्य का नाम बताइए जहाँ दो प्रमुख समुद्री पत्तन हैं।
उत्तर:
विशेषताएँ:
संसार के सभी देशों से भारत के व्यापारिक संबंध हैं।
भारत ने संसार के अधिकतर विकासशील देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
आयात की जाने वाली वस्तुएँ-कोयला, लोहा और इस्पात, मोती, सोना और चाँदी।
निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ-सूती वस्त्र, मशीनें, चमड़ा, परिवहन उपकरणा
अफ्रीका के पाँच देश-दक्षिणी अफ्रीका, नाइजीरिया, मारीशसं, तंजानिया, कीनिया।
पूर्वी तट के पत्तन-कोलकाता/हल्दिया, परादीप, विशाखापटनम्, चेन्नई, इन्नदौर और तूतीकोरन पूर्वी तट के पत्तन हैं।
महाराष्ट्र राज्य में मुंबई में दो प्रमुख समुद्री पत्तन हैं। मुंबई तथा जवाहरलाल नेहरू (न्हावा-शेवा)।
प्रश्न 5.विगत चालीस वर्षों में भारत के आयात और निर्यात संघटन का वर्णन कीजिए।उत्तर:आयात का संघटन-भारत के आयात व्यापार में वस्तुओं के दो समूहों की प्रधानता है। ये समूह हैं –
ईंधन और
कच्चा माल और खनिज
कुल आयात में इन दो समूहों की 63% की भागीदारी है। 2000-01 में देश के कुल आयात में पैट्रोलियम और इसके उत्पादों की एक तिहाई की भागीदारी थी। इसमें कोयले का हिस्सा केवल 2.2% था। दूसरे समूह में मोती, बहुमूल्य और अन्य मूल्य रत्न, (9.6%), सोना चाँदी (9.3%) प्रमुख वस्तुएँ थीं। विविध प्रकार के रसायनों का भी भारी मात्रा (6.7%) में आयात किया जाता है। समूह के रूप में पूँजीगत वस्तुओं का तीसरा स्थान है। इसमें गैर विद्युत मशीनें, मशीनी उपकरणों सहित यंत्र और उपस्कर बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। आयात के कुल मूल्य में इनकी 5.4% की भागीदारी है।
अन्य पूँजीगत सामान में परिवहन उपकरण, विद्युत मशीनें और उपकरण तथा योजना संबंधित वस्तुओं का महत्त्व है। कुल आयात में खाद्य वस्तुओं की भागीदारी केवल 3.7% की है। काजू और दालें अन्य महत्त्वपूर्ण आयातित वस्तुएँ हैं-उर्वरक और अखबारी कागज, गत्ता, लुग्दी और रद्दी कागज, इस समूह की अन्य वस्तुएँ हैं जिनकी भागीदारी क्रमशः 1.5 और 0.9% है। अंतिम समूह विविध वस्तुओं का है। इनमें चिकित्सीय और औषध भेषजीय उत्पाद, कपास, रंगाई, चमड़ा और रंगाई की सामग्री, कच्चा रबड़, ऊन रेशा, कृत्रिम रेशे और कृत्रिम राल आदि उल्लेखनीय वस्तुएँ हैं।
निर्यात संघटन-निर्यात व्यापार में विनिर्मित वस्तुओं और कृत्रिम वस्तुओं की प्रधानता है। सन् 2000-01 में निर्यात के कुल मूल्य में निर्मित वस्तुओं की भागीदारी 78.0% थी, जबकि इसी वर्ष कृषिय उत्पादों का हिस्सा केवल 13.5% का था। इस प्रकार दोनों समूहों की भारत के कुल निर्यात मूल्य में भागीदारी कुल मिलाकर 91.5% थी। सूती धागे और वस्त्र, मशीनें, औषध और दवाइयाँ, सूक्ष्म रसायन और उपकरण, धातुओं के उत्पाद, चमड़ा और चमड़े का सामान, परिवहन उपकरण, बिजली का सामान, हस्तशिल्प, प्राथमिक और अर्धनिर्मित लोहा और इस्पात, निर्यात की अन्य प्रमुख विनिर्मित वस्तुएँ हैं।
कृषीय उत्पादों में सामुद्रिक उत्पाद, मछलियों और उनके उत्पाद निर्यात की प्रमुख वस्तुएँ हैं। भारत के निर्यात में इनकी कुल मूल्य में भागीदारी 3.1% की है। इसके बाद अनाज, चाय, खली, काजू, मसाले, फल और सब्जियाँ, कहवा और तंबाकू का स्थान है। थोड़ी मात्रा में कपास का भी निर्यात किया जाता है। पैट्रोलियम उत्पादों का निर्यात कुल मूल्य का 4.2% है। अयस्कों और खनिजों का कुल निर्यात में 2.6% योगदान है।
प्रश्न 6.भारत के व्यापार के प्रमुख भागीदारों तथा उनके साथ होने वाले व्यापार की प्रमुख वस्तुओं का वर्णन कीजिए।उत्तर:पश्चिमी यूरोप, आंग्ल-अमेरिका और पैट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन देश के प्रमुख व्यापारिक भागीदार हैं। भारत ने संसार के अधिकतर विकासशील देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अन्य देश-यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, जर्मनी, स्विटजरलैंड और जापान भी व्यापारिक भागीदार है।
आंग्ला-अमेरिका-मुख्यतःरत्न और आभूषण, सिले-सिलाए वस्त्र, सूती धागा, वस्त्र, धातु निर्मित वस्तुएँ, हस्तशिल्प आदि का निर्यात करता है तथा इलैक्ट्रॉनिक सामान, मशीनों, व्यावसायिक उपकरणों, रसायनों और बहुमूल्य रत्नों का सं. रा. अमेरिका से आयात करता है।
पश्चिमी यूरोप:निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ हैं-रल और आभूषण, वस्त्र, चमड़ा और चमड़े का सामान, मशीनें, दवाइयाँ, औषधि, हस्तशिल्प, प्लास्टिक उत्पाद, कालीन आदि। आयात की जाने वाली वस्तुएँ हैं-अल्प मूल्य रत्न, चाँदी, सोना, मशीनें, उपकरण, औषधियाँ उत्पाद आदि।
पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका:निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ और औषधि तथा रत्न आभूषण।
आयात की जाने वाली वस्तुएँ:उर्वरक, शैल, फास्फेट, कपास आदि।
पूर्वी एशिया:निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ-खली, रतन-आभूषण, इलैक्ट्रॉनिक सामान, कपास और सूती वस्त्र, मशीनों और उपकरण, लोहा और इस्पात, दवाइयाँ तथा औषधि, माँस उत्पाद तथा सामुद्रिक उत्पाद। आयात की जाने वाली वस्तुएँ-कोकिंग कोयला, मशीनें, बिजली की मशीनें, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, अलौह धातुएँ, ऊन, दालें आदि।
अफ्रीका:निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ-सूती धागे, वस्त्र, दवाइयाँ तथा औषधियाँ, रसायन, धातुओं के उत्पाद, लोहा और इस्पात, प्लास्टिक, पैट्रोलियम उत्पाद आदि।
लैटिन अमेरिका:निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ – वस्त्र और परिधान, दवाईयाँ और औषधियाँ, इंजीनियरिंग का सामान, मोटरवाहन, डीजल इंजन, चमड़े का सामान आदि।
आयात की जाने वाली वस्तुएँ:कच्चे खनिज, लोहा और इस्पात तथा इनके उत्पाद, अलौह धातुएँ, वनस्पति तेल, लुगदी और रद्दी कागज, ऊन आदि का आयात करता है।
प्रश्न 7.भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित की स्थिति दिखाइए –
प्रमुख राष्ट्रीय पत्तन।
अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन।
उत्तर:1.चित्र: भारत-मुख्य पत्तन एवं समुद्री मार्ग
2.चित्र: अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.भारत में निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की संख्या कितनी है?(A) 6,000(B) 7,500(C) 5,700(D) 5,000उत्तर:(B) 7,500
प्रश्न 2.भारत में आयात की जाने वाली वस्तुओं की संख्या कितनी है?(A) 6,000(B) 7,500(C) 8,000(D) 7,000उत्तर:(A) 6,000
प्रश्न 3.1960-61 में कुल आयात मूल्य में वस्तुओं की भागीदारी कितनी थी?(A) 78%(B) 6.2%(C) 19.2%(D) 31.0%उत्तर:(B) 6.2%
प्रश्न 4.2000-01 में निर्यात के कुल मूल्य में निर्मित वस्तुओं की भागीदारी कितनी थी?(A) 78%(B) 31.0%(C) 16.6%(D) 68.0%उत्तर:(A) 78%
प्रश्न 5.कौन-देश भारत के सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है?(A) जर्मनी(B) चीन(C) आस्ट्रेलिया(D) आंगल-अमेरिकाउत्तर:(D) आंगल-अमेरिका
प्रश्न 6.भारत में प्रमुख पत्तन कितने हैं?(A) 184(B) 12(C) 180(D) 145उत्तर:(B) 12
प्रश्न 7.जवाहर लाल नेहरू (न्हा वा-शेवा) पत्तन किस राज्य में है?(A) महाराष्ट्र(B) गुजरात(C) पश्चिमी बंगाल(D) उत्तर प्रदेशउत्तर:(A) महाराष्ट्र
प्रश्न 8.ज्वरीय पत्तन किस नदी पर स्थित है?(A) गंगा(B) हुगली(C) गोदावरी(D) ब्रह्मपुत्रउत्तर:(B) हुगली
प्रश्न 9.भारत में कितने घरेलू विमान पत्तन हैं?(A) 110(B) 11(C) 12(D) 112उत्तर:(D) 112
प्रश्न 10.पिछले कुछ वर्षों में विदेशी व्यापार घाटे में वृद्धि दर्ज की गई है। घाटे में हुई वृद्धि के लिये कौन उत्तरदायी हैं?(A) क्रूड पेट्रोलियम(B) सॉफ्टवेयर(C) चीनी(D) रक्षा सौदाउत्तर:(A) क्रूड पेट्रोलियम
प्रश्न 11.कृषि उत्पाद कौन-सी परंपरागत वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आई है?(A) कॉफी(B) मसाले(C) चाय व दालें(D) उपर्युक्त सभीउत्तर:(D) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 12.वर्ष 2004-05 में भारत के निर्यात में 47.41 प्रतिशत की हिस्सेदारी किसकी है?(A) एशिया एवं ओशेनिया(B) पश्चिमी यूरोप(C) अमेरिका(D) रूसउत्तर:(A) एशिया एवं ओशेनिया
प्रश्न 13.भारत का सड़क द्वारा व्यापार कौन-से देश के साथ किया जाता है?(A) नेपाल(B) भूटान(C) बांग्लादेश(D) पाकिस्तान(E) उपर्युक्त सभीउत्तर:(E) उपर्युक्त सभी
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