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Bihar Board Class 10 Disaster Management Solutions Chapter 4 जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन

Updated: Mar 9

BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Disaster Management Solutions Chapter 4 जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन


Bihar Board Class 10 Disaster Management जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन Text Book Questions and Answers


Social science textbooks


वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. बाढ़ के समय निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना चाहिए ?

(क) ऊँची भूमि वाले स्थान पर

(ख) गाँव के बाहर

(ग) जहाँ हैं उसी स्थान पर

(घ) खेतों में

उत्तरं- (क) ऊँची भूमि वाले स्थान पर


प्रश्न 2. मलवे के नीचे दबे हुए लोगों को पता लगाने के लिए किस यंत्र की मदद ली जाती

(क) दूरबीन

(ख) इंफ्रारेड

(ग) हेलीकॉप्टर

(घ) टेलीस्कोप

उत्तर- (ख) इंफ्रारेड


प्रश्न 3. आग से जलने की स्थिति में जले हुए स्थान पर क्या प्राथमिक उपचार करना चाहिए?

(क) ठंडा पानी डालना चाहिए

(ख) गर्म पानी डालना

(ग) अस्पताल पहुंचाना

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क) ठंडा पानी डालना चाहिए


प्रश्न 4. बस्ती/मकान में आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए?

(क) अग्निशामक यंत्र को बुलाना

(ख) दरवाजे खिड़कियाँ लगाना

(ग) आग बुझाने तक इंतजार करना

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क) अग्निशामक यंत्र को बुलाना

प्रश्न 5. सुनामी किस स्थान पर आता है ?

(क) स्थल

(ख) समुद्र

(ग) आसमान

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (ख) समुद्र


लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- आपदा की घड़ी में जीवन रक्षक प्रबंधन अत्यधिक उपयोगी और अत्यावश्यक है। आकस्मिक प्रबंधन ही किसी प्रशासन की सफलता की कसौटी होती है। इसके अंतर्गत आपदा मेंआते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाना ही प्रमुख उद्देश्य होता है। अलग-अलग प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के आकस्मिक प्रबंधन में अलग-अलग प्रकार की प्राथमिकताएँ होती हैं।


प्रश्न 2. बाढ़ की स्थिति में अपनाये जानेवाले आकस्मिक प्रबंधन का संक्षेप में वर्णन कीजिए!

उत्तर- बाढ़ की स्थिति में पहली प्राथमिकता बाढ़ रोकना नहीं बल्कि बाढ़ से लोगों को .. बचाना है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना भी आकस्मिक प्रबंधन का ही अंग है। सुरक्षित स्थान पर ले जाने के बाद भोजन और पेयजल की व्यवस्था आवश्यक है। बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था, महामारी से बचने के लिए गर्म जल, गर्म भोजन तथा छोटे से जगह में मिलजुलकर रहने के लिए वातावरण बनाना आकस्मिक प्रबंधन का ही हिस्सा है। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी अति आवश्यक है। खाद्य पदार्थ, पशुचारा, महामारी आने से संबंधित जीवन रक्षक दवाई, छिड़काव की सामग्री इत्यादि का पूर्व प्रबंधन आकस्मिक प्रबंधन की पहली शर्त है।


प्रश्न 3. भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंन की मर्चा संक्षेप में करें।

उत्तर- भूकंप की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का तीन प्रमुख कार्य होता है

  • बचे हुए विस्थापित लोगों को राहत कैंप में ले जाना या उसे सभी प्रकार की आवश्यक सुवि’ – उपलब्ध कराना।

  • वैसे लोगों को मलवे से निकालना जो अभी भी दबे हुए हैं।

  • अकाल मृत्युप्राय आम लोगों को और जानवरों को सही स्थान पर दफनाकर या धार्मिक रीतियों के अनुरूप अंतिम संस्कार करना। ऐसा नहीं करने से महामारी फैलने की संभावना रहती है।

सुनामी की स्थिति में पहली प्राथमिकता है कि घायल का प्राथमिक उपचार कर अस्पताल पहुँचाया जाय तथा लापता पता लगाने के लिए हेलिकॉप्टर, रडार जैसे यंत्रों की मदद ली जाय। शक्तिचालित नौकाएँ भी इस कार्य में सहायता ली जा सकती हैं।


प्रश्न 4. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर- आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए आवश्यक है कि वे राहत शिविर का निर्माण करें। वहाँ सभी उपकरणं और प्राथमिक उपचार की सामग्रियाँ उपलब्ध कराएँ तथा एम्बुलेंस, डॉक्टर, अग्निशामक इत्यादि की व्यवस्था में तत्परता दिखाएँ। कागजी दाव-पेंच न पड़कर राहत राशि और राहत सामग्री को पहुंचाकर आपदा प्रबंधन को सरल तथा सहज बनाएँ।


प्रश्न 5. आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए ? उल्लेख करें।

उत्तर- आग लगने की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन की तीन बड़ी जिम्मेवारी होती है-

(क) आग में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालना।(ख) घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाना और उससे पहले ठंडा पानी डालना, बर्फ से सहलाना और बरनोल जैसी प्राथमिक औषधि का उपयोग करना।(ग) आग के फैलाव को रोकना, जिसके लिए नजदीक में उपलब्ध बालू, मिट्टी, अगर तालाब हो तो उसके जल का उपयोग करना, अग्निशामक यंत्र को बुलाना, बगल के झुग्गी-झोपड़ी को उखाड़ फेंकना, विद्युत लाइन को विच्छेदित करना अतिआवश्यक है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- आपदा की घड़ी में जीवन रक्षक प्रबंधन अत्यधिक उपयोगी और अत्यावश्यक है। आकस्मिक प्रबंधन ही किसी प्रशासन की सफलता की कसौटी होती है। इसके अंतर्गत आपदा मेंआते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाना ही प्रमुख उद्देश्य होता है। अलग-अलग प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के आकस्मिक प्रबंधन में अलग-अलग प्रकार की प्राथमिकताएँ होती हैं।


Bihar Board Class 10 Disaster Management जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन Notes


प्रश्न 2. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका का विस्तार से उल्लेख करें।

उत्तर- मुख्यतः आकस्मिक प्रबंधन के तीन घटक हैं –

  1. स्थानीय प्रशासन

  2. स्वयंसेवी संगठन

  3. गाँव अथवा मुहल्ले के लोगा ।

(1) स्थानीय प्रशासन-आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की अहम भूमिका होती है। राहत शिविर का निर्माण, प्राथमिक उपचार की सामग्री की व्यवस्था, एम्बुलेंस, डॉक्टर, अग्निशामक इत्यादि की तत्काल व्यवस्था करना इसका प्रमुख कार्य है।

(2) स्वयंसेवी संगठन–आकस्मिक प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्था महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अगर गाँव के युवकों तथा पंचायत प्रबंधन के बीच समन्वय हो। ऐसे प्रबंधन में जाति, धर्म, लिंग के भेदभाव का परित्याग करना पड़ता है। स्वयंसेवी संस्था आकस्मिक प्रबंधन में काफी योगदान दे सकती है।

(3) गाँव अथवा मुहल्ले के लोग—आकस्मिक प्रबंधन में गाँव और मुहल्ले के लोग काफी योगदान दे सकते हैं। जैसे-युवकों को मानसिक रूप से सुदृढ़ और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करनाऔर उनमें साहस का संचार कर सकते हैं।


  • बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रायः कच्चे मकान ओर झोपड़ियों की बहुलता होती है। धान के कारण यहाँ, पुआलं का ढेढ़ रहना स्वाभाविक है। अतः आग लगने पर इसके तेजी से फैलने का अंदेसा बना रहता है।

  • बाढ़ में घिरे लोगों को बाहर निकालना सबसे पहला कार्य है।

  • बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी, चक्रवात, भूस्खलन, ओलावृष्टि, वज्रपात, हिमपात इत्यादि प्रमुख आपदाएँ हैं।

  • ज्वालामुखी के प्रकोप से भारत. प्रायः बचा हुआ है।

  • पंजाब, हरियाणा जैसे पश्चिमोत्तर राज्यों में हिमालय की बर्फ पिघलने से बाढ़ आती है।

  • सुनामी से बंगाल की खाड़ी प्रभावित है। क्योंकि इसके पूर्वी भाग में इण्डोनेशिया का तट बहुत अधिक संवेदनशील है।

  • प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ संकटों और आपदाओं को आमंत्रित करती है।

  • भारत में चक्रवात प्रायः मई जून तथा अक्टूबर-नवम्बर में अधिक आते हैं।

  • कारगर वैकल्पिक संचार-व्यवस्था राहत-कार्य में सहायक होती है।

  • भारत में बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जो किसी संकट और आपदा से अछूता नहीं है, सिवाय सुनामी और भूकम्प के।।

  • आपदा प्रबंधन दो चरणों में लागू करने की आवश्यकता है आकस्मिक तथा दीर्घकालीन प्रबंधन।

  • आपदा के दौरान खोये हुए व्यक्तियों का पता लगाने में न सिर्फ शक्ति चालित नावों की मदद, रडार एवं हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा सकती है बल्कि कृत्रिम उपग्रह भी सहायक होते हैं।

  • राहतकर्मियों के उपकरणों को दो भागों में बाँट सकते हैं-


    (क) बचाव कर्मियों के निजी उपकरण।


    (ख) बचाव दल के लिए उपकरण।

  • आकस्मिक प्रबंधन के तीन प्रमुख घटक हैं-


    (i) स्थानीय प्रशासन (ii) स्वयंसेवी संगठन तथा (iii) ग्राम एवं मुहल्ले के लोग।

  • आपदा प्रबंधन हेतु स्कूल में छात्र-छात्राओं को भी प्रशिक्षित करना आवश्यक है।

  • आपदा प्रबंधन को दिनचर्या का एक अंग समझना आवश्यक है।

  • आपदा प्रबंधन के लिए युवकों को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करना आवश्यक है।

  • भारत में 56 प्रतिशत भू-क्षेत्र भूकंप प्रभावित हैं।

  • भारत के 16 राज्यों का 16 प्रतिशत भाग सूखे के चपेट में रहता है।

  • अगस्त 2008 में नेपाल के कुसाहा के पास कोसी बाँध टूट जाने के कारण उत्तरी बिहार के कोसी क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आयी।

 
 
 

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