Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम
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Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 2 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम
Bihar Board Class 12 Geography प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम Textbook Questions and Answers
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1.निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?(क) शिक्षा(ख) काम और रोजगार(ग) व्यवसाय(घ) विवाहउत्तर:(ग) व्यवसाय
प्रश्न 2.निम्नलिखित में से किस राज्य में सर्वाधिक संख्या में अप्रवासी आते हैं?(क) उत्तर प्रदेश(ख) महाराष्ट्र(ग) दिल्ली(घ) बिहारउत्तर:(ग) दिल्ली
प्रश्न 3.भारत में प्रवास की निम्नलिखित धाराओं में से कौन-सी एक धारा पुरुष प्रधान है?(क) ग्रामीण से ग्रामीण(ख) ग्रामीण से नगरीय(ग) नगरीय से ग्रामीण(घ) नगरीय से नगरीयउत्तर:(ग) नगरीय से ग्रामीण
प्रश्न 4.निम्नलिखित में से किस नगरीय समूहन में प्रवासी जनसंख्या का अंश सर्वाधिक है?(क) मुंबई नगरीय समूहन(ख) बैंगलौर नगरीय समूहन(ग) दिल्ली नगरीय समूहन(घ) चेन्नई नगरीय समूहनउत्तर:(क) मुंबई नगरीय समूहन
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
प्रश्न 1.जीवनपर्यंत प्रवासी पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अंतर स्पष्ट कीजिए।उत्तर:भारत की जनगणना में प्रवास की गणना दो आधारों पर की जाती है –1. जन्म का स्थान:यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न है, इसे जीवनपर्यंत प्रवासी के नाम से जाना जाता है।
2. निवास का स्थान:यदि निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भिन्न है, इसे निवास के पिछले स्थान से प्रवासी के रूप में जाना जाता है।
प्रश्न 2.पुरुष/स्त्री वरणात्मक प्रवास के मुख्य कारण की पहचान कीजिए।उत्तर:पुरुषों और स्त्रियों के लिए प्रवास के कारण भिन्न हैं। उदाहरण के तौर पर काम और रोजगार पुरुष प्रवास के मुख्य कारण रहे हैं जब कि स्त्रियाँ विवाह के उपरांत अपने मायके से बाहर जाती हैं। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण है, मेघालय इसका अपवाद है जहाँ स्थिति उलट है।
प्रश्न 3.उद्गम और गंतव्य स्थान की आयु एवं लिंग संरचना पर ग्रामीण-नगरीय प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?उत्तर:ग्रामीण:नगरीय प्रवास नगरों में जनसंख्या की वृद्धि में योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले युवा आयु, कुशल एवं दक्ष लोगों का बाह्य प्रवास ग्रामीण जनांकिकीय संघटन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। यद्यपि उत्तरांचल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वी महाराष्ट्र से होने वाले बाह्य प्रवास ने इन राज्यों की आयु एवं लिंग संरचना में गंभीर असंतुलन पैदा कर दिया है। ऐसे ही असंतुलन उन राज्यों में भी उत्पन्न हो गए हैं जिनमें ये प्रवासी जाते हैं।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
प्रश्न 1.भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के कारकों की विवेचना कीजिए।उत्तर:भारत में पड़ोसी देशों से आप्रवास और उन देशों की ओर भारत से उत्प्रवास भी हुआ है। तालिका 2.6 पड़ोसी देशों से प्रवासियों का ब्यौरा प्रस्तुत करती है। जनगणना 2001 में अंकित है कि भारत में अन्य देशों से 50 लाख व्यक्तियों का प्रवास हुआ है। इनमें 96 प्रतिशत पड़ोसी देशों से आए हैं, बांग्लादेश (30 लाख) इसके बाद पाकिस्तान (9 लाख) और नेपाल (5 लाख)। इनमें तिब्बत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान और म्यांमार के 1.6 लाख शरणार्थी भी शामिल हैं। जहाँ तक भारत से उत्प्रवास का प्रश्न है, ऐसा अनुमान है कि भारतीय डायास्पोरा के लगभग 2 करोड़ लोग हैं जो 110 देशों में फैले हुए हैं।
तालिका 2.6: भारत में सभी अवधियों में पड़ोसी देशों से पिछले निवास स्थान के अनुसार आप्रवासीस्रोत: भारत की जनगणना, 2001
प्रश्न 2.प्रवास के सामाजिक जनांकिकीय परिणाम क्या-क्या है?उत्तर:प्रवासी सामाजिक परिवर्तन के अभिकर्ताओं के रूप में कार्य करते हैं। नवीन प्रौद्योगिकियों, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा इत्यादि से संबंधित नए विचारों का नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विसरण इन्हीं के माध्यम के माध्यम से होता है।
प्रवास से विविध संस्कृतियों के लोगों का अंतर्मिश्रण होता है। इसका संकीर्ण विचारों को भेदना तथा मिस्र संस्कृति के उद्विकास में सकारात्मक योगदान होता है और यह अधिकतर लोगों के मानसिक क्षितिज को विस्तृत करता है। किंतु इसके गुमनामी जैसे गंभीर नकारात्मक परिणाम भी होते हैं जो व्यक्तियों में सामाजिक निर्वात और खिन्नता की भावना भर देते हैं। खिन्नता की सतत् भावना लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग (drug abuse) जैसी असामाजिक क्रियाओं के पाश में फंसने के लिए अभिप्रेरित कर सकती है।
Bihar Board Class 12 Geography प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.प्रतिकर्ष से क्या अभिप्राय है?उत्तर:जब गाँवों से लोगों को जीविका प्राप्त करने के साधन उपलब्ध नहीं होते, तो लोग बेरोजगारी, गरीबी तथा भुखमरी आदि घटकों के कारण नगरों को प्रवास कर जाते हैं तो इसे प्रतिकर्ष कारक कहते हैं।
प्रश्न 2.दिक् परिवर्तन किसे कहते हैं?उत्तर-:किसी नगर तथा उसके पृष्ठ प्रदेश में बसे गाँवों के दैनिक स्थानान्तरण को दिक् परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 3.प्रवास किसे कहते हैं?उत्तर:जनसंख्या के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण को प्रवास कहते हैं।
प्रश्न 4.‘अपकर्ष’ से आप क्या समझते हैं?उत्तर:जब लोग नगर की सुविधाओं तथा आर्थिक अवसरों से आकर्षित होकर नगर की ओर प्रवास करते हैं तो इसे ‘अपकर्ष’ कारक कहते हैं।
प्रश्न 5.अंतर्राष्ट्रीय प्रवास क्या है?उत्तर:जो प्रवास देश के बाहर और अन्य देशों से देश के अंदर हो, उसे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहते हैं।
प्रश्न 6.आंतरिक प्रवास से आप क्या समझते हैं?उत्तर:जो प्रवास देश के भीतर हो, उसे आंतरिक प्रवास कहते हैं।
प्रश्न 7.अनाकर्षक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?उत्तर:वह क्षेत्र जहाँ लोगों को जीविका प्राप्त करने के साधन उपलब्ध नहीं होते, तो लोग बेरोजगारी, गरीबी तथा भुखमरी के कारण नगरों को प्रवास कर जाते हैं। इस प्रकार के क्षेत्रों को अनाकर्षक क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 8.भारत की जनगणना में प्रवास की गणना किन दो आधारों पर की जाती है?उत्तर:
जन्म का स्थान, यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न हो।
निवास का स्थान, यदि निवास का स्थान गणना के स्थान से भिन्न हो।
प्रश्न 9.2001 की जनगणना के अनुसार भारत की अनुमानित जनसंख्या कितनी है?(क) 102.8 करोड़(ख) 50 करोड़(ग) 110 करोड़(घ) 120 करोड़उत्तर:(क) 102.8 करोड़
प्रश्न 10.कौन से पड़ोसी देश से भारत में सबसे अधिक प्रवासी आए हैं?उत्तर:बांग्लादेश से 30 लाख लोग, भारत में सबसे अधिक संख्या में प्रवासी बन कर आए हैं।
प्रश्न 11.भारत के कितने लोग कितने देशों में फैले हुए हैं?उत्तर:भारतीय डायास्पोरा के लगभग 2 करोड़ लोग 110 देशों में फैले हुए हैं।
प्रश्न 12.भारत में आंतरिक प्रवास के लिए कौन-से राज्य प्रवासियों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं?उत्तर:महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा सबसे अधिक प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 13.कौन से राज्य से सबसे अधिक आंतरिक प्रवास होता है?उत्तर:उत्तर प्रदेश (-26 लाख) से सबसे अधिक प्रवास होता है।
प्रश्न 14.भारत के किस नगर में सबसे अधिक प्रवासी आए हैं?उत्तर:नगरीय समूहनों में से बृहत् मुंबई में सर्वाधिक संख्या में प्रवासी आए हैं।
प्रश्न 15.प्रवास के आर्थिक परिणाम क्या हैं?उत्तर:प्रवास से हुडिया प्राप्त होती है। लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। आर्थिक स्थिति उनकी सुदृढ़ होती है।
प्रश्न 16.प्रवास के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं?उत्तर:नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि होती है और गंदी बस्तियों और क्षुद्र कॉलोनियों का निर्माण होता है।
प्रश्न 17.प्रवास के सामाजिक परिणाम क्या हैं?उत्तर:नवीन प्रौद्योगिकियों, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा इत्यादि से संबंधित नए विचारों का नगरों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विसरण इन्हीं माध्यम से होता है।
प्रश्न 18.प्रवास का जनांकिकीय परिणाम क्या हैं?उत्तर:प्रवास से देश के भीतर जनसंख्या का पुन वितरण होता है। उत्तरांचल, राजस्थान, मध्य प्रदेश. और पूर्वी महाराष्ट्र में प्रवास के कारण आयु एवं लिंग संरचना में गंभीर असंतुलन पैदा कर दिया है।
प्रश्न 19.अपकर्ष कारक से आप क्या समझते हैं?उत्तर:जो विभिन्न स्थानों से लोगों को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 20.प्रतिकर्ष कारक से आप क्या समझते हैं?उत्तर:जो लोगों को निवास स्थान अथवा उद्गम को छुड़वाने का कारण बनते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.भारत में जनसंख्या के प्रवास के मुख्य कारक कौन से हैं?उत्तर:जनसंख्या प्रवास के मुख्य कारक-भारत में 69 प्रतिशत जनसंख्या अप्रवासी है। अधिकतर लोग सीमावर्ती प्रदेशों से ही बाहर जाते हैं। 70 प्रतिशत से अधिक प्रवास एक ग्रामीण क्षेत्र से दूसरे ग्रामीण क्षेत्र में होता है। रोजगार की तलाश में गाँवों से शहरों की ओर प्रवास की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। आन्तरिक प्रवास जनसंख्या का पुनः वितरण करके किसी प्रदेश के आर्थिक प्रवास को प्रभावित करता है। भारत में आन्तरिक प्रवास का सम्बन्ध इस प्रकार है –
बिहार, केरल तथा उत्तर प्रदेश जैसे कम विकसित राज्यों में बाहर जाने की ओर होने वाला प्रवास अधिक है।
असम तथा मध्य प्रदेश में चाय बागानों और औद्योगिक केन्द्रों की ओर दूसरे राज्यों से श्रमिक बड़ी संख्या में चले आते हैं।
आन्ध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा.और तमिलनाडु में बाहर जाने वालों की संख्या अंदर आने वालों से कुछ कम है।
औद्योगिक प्रदेशों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब तथा गुजरात में अंदर आने वालों के कारण जनसंख्या में बहुत वृद्धि हुई है।
प्रश्न 2.प्रवास के प्रमुख कारण क्या हैं? अन्तःराज्यीय तथा अन्तर्राज्यीय प्रवास से आप क्या समझते हैं?उत्तर:प्रवास के प्रमुख कारण –
रोजगार की तलाश में नगरों को प्रवास।
निवास की बेहतर सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए।
स्त्रियों के विवाह के कारण प्रवास।
सामाजिक असुरक्षा।
राजनीतिक गड़बड़ी के कारण प्रवास।
(क) अन्तःराज्यीय प्रवास:जब जनसंख्या स्थानांतरण राज्यों की सीमा के अंदर हो तो इसे अन्तःराज्यीय प्रवास कहते हैं। उदाहरण के लिए आगरा (उत्तर प्रदेश) से बरेली के बीच प्रवास को अन्त:राज्यीय प्रवास कहा जाएगा। क्योंकि यह प्रवास एक ही राज्य की सीमाओं के अंदर है।
(ख) अन्तर्राज्यीय प्रवास-जब जनसंख्या स्थानांतरण राज्यों की सीमा के बाहर हो तो इसे अन्तर्राज्यीय प्रवास कहते हैं।
प्रश्न 3.जनसंख्या प्रवास से क्या तात्पर्य है?उत्तर:जनसंख्या प्रवास से तात्पर्य-लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसने को जनसंख्या प्रवास कहते हैं। जनसंख्या प्रवास किसी भी इलाके की कुल जनसंख्या को प्रभावित करता है। जिस क्षेत्र से लोग प्रवास करते हैं वहाँ की जनसंख्या कम हो जाती है और जिस क्षेत्र में लोग जाकर बसते हैं वहाँ की जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 4.प्रवास के विभिन्न प्रकार क्या हैं?उत्तर:प्रवास के प्रकार-जनसंख्या प्रवास विभिन्न प्रकार का हो सकता है। दूसरे स्थान पर जाकर बसने के अनुसार हम इसको
स्थाई तथा
अस्थाई में बाँट सकते हैं।
स्थाई प्रवास का अर्थ है कि लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर स्थाई रूप से रहने लगते हैं तथा फिर वे वापस अपने मूल स्थान पर नहीं आते। इस प्रकार के प्रवास का एक उदाहरण ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का स्थाई तौर पर नगरों में जाकर बसना है। अस्थाई प्रवास में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर कुछ समय के लिए जाते हैं तथा वापस अपने रहने के मूल स्थान पर आ जाते हैं।
इसका एक उदाहरण लोगों का मौसमी रोजगार के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना है। फसल कटाई के मौसम में बिहार से खेतीहर मजदूरों का पंजाब एवं हरियाणा के लिए प्रवास अस्थाई प्रवास है। जनसंख्या प्रवास दैनिक आधार पर भी हो सकता है। आपने देखा होगा कि प्रतिदिन सुबह अनेक लोग आस-पास के क्षेत्रों से शहरों में कार्य करने के लिए आते हैं। तथा सांयकाल को वापस अपने घर लौट जाते हैं। इसे जनसंख्या का दैनिक प्रवास कहते हैं।
प्रश्न 5.मूल स्थान तथा निर्दिष्ट स्थान के आधार पर प्रवास को कितने भागों में बाँटा गया है?उत्तर:प्रवास करने वाले लोगों के मूल स्थान तथा निर्दिष्ट स्थान के आधार पर प्रवास को चार भागों में बाँटा जा सकता है –(क) ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र को(ख) ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र को(ग) नगरीय क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र को(घ) नगरीय क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र को
प्रश्न 6.अंतर स्पष्ट कीजिए:
अन्तःराज्यीय और अंतर्राज्यीय प्रवास।
मानव प्रवास को प्रभावित करने वाले अपकर्ष और प्रतिकर्ष कारक।
उत्तर:
1. अन्तःराज्यीय और अंतर्राज्यीय प्रवास।
2. मानव प्रवास को प्रभावित करने वाले अपकर्ष और प्रतिकर्ष कारक।
प्रश्न 7.ऋतु प्रवास से आप क्या समझते हैं?उत्तर:पर्वतीय क्षेत्रों में सामान्यतः यह भी देखने में आता है कि कुछ लोग ग्रीष्मकाल में अपने पशुओं के साथ घाटियों से ऊँचे भागों की ओर चले जाते हैं तथा शीत ऋतु में ये लोग वापस घाटियों में लौट आते हैं। इन लोगों के स्थाई घर घाटियों में होते हैं तथा ग्रीष्म काल में वे अपने पशुओं को चराने के लिए ऊँचे क्षेत्रों में चले जाते हैं। जब ऊँचे पर्वतीय भागों में ठंड बढ़ने लगती है तो वे वापस नीचे अपेक्षाकृत गर्म घाटियों में लौट आते हैं। इन लोगों के आने जाने के मार्ग तथा पशु चराने के लिए क्षेत्र भी सामान्यत: निश्चित होते हैं। इस प्रकार के ऊँचाई के अनुसार प्रवास को ऋतु प्रवास कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश की गद्दी जनजाति इस प्रकार का ऋतु प्रवास करती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.प्रवास के सामाजिक और राजनैतिक कारणों का वर्णन कीजिए।उत्तर:सामाजिक कारक:मानव एक सामाजिक प्राणी है तथा वह अपने निकट सम्बन्धियों के साथ रहना चाहता है। साधारणतः एक ही धर्म, भाषा तथा समान सामाजिक रीतियों को मानने वाले लोग एक साथ रहना पसंद करते हैं। इसके विपरीत यदि कोई व्यक्ति दूसरे धर्म अथवा सामाजिक रीति रिवाजों को मानने वाले लोगों के साथ रह रहा हो तो वह वहाँ से दूसरे स्थान पर चले जाना चाहेगा। अनेक लोग धार्मिक महत्त्व वाले स्थानों पर भी जाकर रहने लगते हैं।
बद्रीनाथ, तिरुपति तथा वाराणसी जैसे स्थानों की ओर लोगों का प्रवास धार्मिक कारकों के कारण होता है। यद्यपि इस प्रकार का प्रवास साधारणतया अस्थाई होता है। सामाजिक कारकों का प्रभाव नगरीय क्षेत्रों में अथवा किसी एक ऐसे शहर में और भी दृष्टिगोचर होता है, जहाँ एक ही सम्प्रदाय या समुदाय के लोग नगर के एक ही भाग में इकट्ठे रहते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का बहुसंख्यक समुदाय के हाथों धार्मिक और सामाजिक दबाव एक महत्त्वपूर्ण प्रतिकर्ष कारक सिद्ध हो सकता है अगर बहुसंख्यक समुदाय दूसरे समुदाय के साथ सहष्णुता का व्यवहार नहीं करता।
राजनैतिक कारक:प्रवास को प्रभावित करने वाले राजनैतिक कारक सरकार की नीति से सम्बन्धित होते हैं। आधुनिक युग में यह कारक अधिकाधिक महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है। सरकार अपनी नीतियों द्वारा प्रवास के स्तर तथा दिशा को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। कई बार सरकार की नीतियाँ अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिकूल होती है। जिसके कारण इन लोगों को देश छोड़ना पड़ जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत पाकिस्तान विभाजन बड़े स्तर पर दोनों देशों के बीच जनसंख्या प्रवास का कारण रहा है।
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट हो जाता है कि प्रवास को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं तथा किसी एक विशेष परिस्थिति में उनमें से कोई भी एक अथवा अनेक कारक अधिक महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। साधारणतया प्रवास के इन सभी कारकों के संदर्भ में किया जा सकता है। प्रवास को प्रारम्भ करने के लिए कोई न कोई ऐसा कारण अवश्य होना चाहिए जो लोगों को किसी स्थान से जाने के लिए बाध्य करता है। इनको प्रतिकर्ष कारक कहते हैं। इसके साथ ही साथ, स्थान को छोड़ने वाले लोगों को आकर्षित करने वाला कोई सम्भावित स्थान भी अवश्य होना चाहिए। यह अपकर्ष कारक है। इन दोनों कारकों में से किसी एक के न होने से प्रवास संभव नहीं हो सकता। लोग अपने मूल स्थान को तब तक छोड़ना नहीं चाहेंगे, जब तक उन्हें वहाँ कोई कठिनाई न हो तथा साथ ही कोई ऐसा संभावित गन्तव्य स्थान न हो जहाँ जाकर उनकी कठिनाइयों के दूर होने की आशा हो।
प्रश्न 2.भारत में जनसंख्या प्रवास की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।उत्तर:भारत में जनसंख्या प्रवास की प्रवृत्तियाँ-भारत में प्रवास के प्रारूपों का अध्ययन करने के लिए प्रवासी जनसंख्या को दो समूहों में बाँटना होगा। ये हैं –(क) राज्यांतकि प्रवास तथा(ख) अन्तर्राज्यीय प्रवास
(क) अंतःराज्यीय प्रवास-अधिकतर प्रवासी इसी श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। 1981 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़ व्यक्तियों ने राज्य के अन्तर्गत प्रवास किया था। इन प्रवासियों में बहुत बड़ी संख्या अर्थात् 70.23 प्रतिशत लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया जबकि केवल 8.6 प्रतिशत प्रवासी नगरीय क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास करने वालों की श्रेणी में आते हैं। बाकी में से 15 प्रतिशत प्रवासी ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर की श्रेणी में आते हैं ताकि 5.83 प्रतिशत प्रवासियों ने नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। राज्य के भीतर प्रवास करने वालों में 73 प्रतिशत महिलाएँ थीं।
महिलाओं के उच्च प्रतिशत का प्रमुख कारण शादी है। महिला प्रवासियों में तीन चौथाई प्रवासियों ने ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। लगभग 7 प्रतिशत महिला प्रवासियों ने नगरीय क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। 11 प्रतिशत प्रवासियों ने ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास किया तथा केवल 5.35 प्रतिशत प्रवासियों ने नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया।
पुरुष प्रवासियों में 52.32 प्रतिशत ने ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया, 13.88 प्रतिशत ने नगरीय क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर, 26.46 प्रतिशत ने ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर तथा 7.15 प्रतिशत ने नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। प्रवासी जनसंख्या के एक बहुत बड़े भाग ने रोजगार की तलाश ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। इस प्रकार के प्रदेशों जैसे-उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा तथा राजस्थान के थे।
(ख) अन्तर्राज्यीय प्रवास:भारत में राज्यांतरिक प्रवास की तुलना में अन्तर्राज्यीय प्रवास सीमित हैं। 1981 की जनसंख्या के अनुसार 2.4 करोड़ व्यक्ति अन्तर्राज्यीय प्रवासी थे। इन 2.4 करोड़ व्यक्तियों में 30 प्रतिशत प्रवासी ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास की श्रेणी में थे, 29.24 प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर की श्रेणी में थे, 33.61 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर तथा 6.96 प्रतिशत लोग नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास करने वालों में थे।
अन्तर्राज्यीय प्रवासियों में से लगभग आधे पुरुष थे। इनमें से 42 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर गए, लगभग 31 प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर, लगभग 21 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर तथा 6 प्रतिशत लोग नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रस्थान कर गए। 1.25 करोड़ महिलाएँ अन्तर्राज्यीय प्रवासी थीं। इनमें से 37.57 प्रतिशत महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर, 28 प्रतिशत से कुछ अधिक ने नगरीय क्षेत्रों के अंदर प्रवास किया।
लगभग 26 प्रतिशत महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर तथा 7.82 प्रतिशत ने नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास किया। यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश तथा केरल ऐसे राज्य हैं, जहाँ से उत्प्रवासन अधिक होता है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र तथा अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह, चण्डीगढ़ तथा दिल्ली के संघ शासित क्षेत्रों में अधिकतर आप्रवासन होता है।
प्रश्न 3.प्रवास के प्रमुख कारण क्या है? किसी एक कारण का वर्णन कीजिए।उत्तर:प्रवास के कारण:प्रवास बहुत से कारकों की पारस्परिक क्रिया का परिणाम होता है। प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों को सामान्यतः अपकर्ष तथा प्रतिवर्ष कारकों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। प्रतिवर्ष कारक लोगों को उनके रहने के स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए बाध्य करने वाले कारक होते हैं। इसके विपरीत अपकर्ष कारक लोगों को किसी विशेष स्थान पर आकर्षित करने वाले होते हैं। जब तक ये दोनों ही कारक एक साथ क्रियाशील न हों जनसंख्या प्रवास संभव नहीं हो सकता। अपकर्ष तथा प्रतिकर्ष कारक आर्थिक, सामाजिक तथा राजनैतिक हो सकते हैं। इन विभिन्न कारकों में से एक कारण का संक्षिप्त विवरण नीचे प्रस्तुत है।
(क) आर्थिक कारक:सामान्यतः लोग उन क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं जहाँ आजीविका प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान है। अतः अनुपजाऊ भूमि, कम विकसित यातायात के साधन, निम्न औद्योगिक विकास तथा जहाँ से रोजगार के अवसर कम होते हैं, उन क्षेत्रों से लोग अधिक उपजाऊ भूमि वाले तथा रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने वाले क्षेत्रों की ओर प्रस्थान करते हैं। जिन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम होते हैं वहाँ आजीविका कमाना अपेक्षाकृत कठिन होता है। यह स्थिति प्रतिकर्ष कारक की होती है। दूसरी ओर अच्छा रोजगार प्रदान करने वाले तथा अच्छे रहन सहन के स्तर वाले क्षेत्र बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ये अपकर्ष कारक होते हैं। अतः सभी ऐसे क्षेत्र जहाँ की मिट्टी उपजाऊ हो, अधिक मात्रा में खनिज पदार्थ प्राप्त हों, यातायात तथा संचार के साधन उन्नत हों तथा औद्योगिक विकास का स्तर ऊँचा हो तथा नगरीय क्षेत्र हों, ये सभी रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करते हैं। आपने देखा होगा कि अनेक लोग रोजगार की खोज में निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से तथा देश के अनेक भागों बिहार तथा उड़ीसा से दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता तथा चेन्नई जैसे महानगरों की ओर चले जाते हैं।
इस प्रवास के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण उत्तरदायी कारक इन स्थानों पर पहुँचकर अपने आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने की संभावना होती है। कुछ लोग शहरों में उपलब्ध आधुनिक सुख-सुविधाओं जैसे सिनेमा आदि की चकाचौंध से प्रभावित होते हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अकुशल लोगों के बड़े शहरों तथा नगरों में प्रवास से बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है जैसे गंदी झोंपड़पट्टियों का बन जाना जहाँ न साफ पीने का पानी उपलब्ध हैं और न ही मल विसर्जन की व्यवस्था। अधिकतर नगरों में मकानों, पीने के पानी, बिजली, स्कूलों, डिस्पेंसरी तथा यातायात एवं संचार के साधनों की बहुत अधिक कमी हो गई है।
प्रश्न 4.जनसंख्या प्रवास के परिणामों की चर्चा कीजिए।उत्तर:जनसंख्या प्रवास के परिणाम-जनसंख्या प्रवास के कारकों की भाँति इसके परिणाम भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। ये परिणाम दोनों ही क्षेत्रों प्रवासियों के उद्गम क्षेत्र में तथा गन्तव्य क्षेत्रों में दृष्टिगोचर होते हैं। मोटे तौर पर जनसंख्या प्रवास के परिणामों को दो भागों में बाँटा जाता हैं-जनांकिकीय तथा सामाजिक-आर्थिक।
(क) जनांकिकीय परिणाम-प्रवास के परिणामस्वरूप प्रवास में अन्तर्गस्त दोनों ही क्षेत्रों में जनसंख्या की विशेषताओं में परिवर्तन आ जाता है। इससे न केवल जनसंख्या की आयु संरचना तथा स्त्री-पुरुष अनुपात में बल्कि वृद्धि दर में भी परिवर्तन आ जाता है। साधारणतया उद्गम क्षेत्रों की जनसंख्या में बच्चों, महिलाओं तथा वृद्धों का अनुपात बढ़ जाता है। इसके विपरीत प्रवास के गन्तव्य क्षेत्रों में इन लोगों का अनुपात कम हो जाता है।
इस प्रकार से उद्गम क्षेत्रों में स्त्री-पुरुष अनुपात बढ़ जाने तथा गन्तव्य क्षेत्रों में इसके कम हो जाने का यह प्रमुख कारण है। इस परिवर्तन का प्रमुख कारण यह है कि साधारणतया प्रवास करने वालों में युवा पुरुषों की संख्या अधिक होती है इस प्रकार जनसंख्या का ढांचा भी परिवर्तित हो जाता है। इससे जनसंख्या में जन्म दर, मृत्यु दर तथा इनके परिणामस्वरूप वृद्धि दर में भी परिवर्तन आ जाता है। उद्गम के क्षेत्रों में युवा पुरुषों की संख्या कम होने से वहाँ जन्म दर में कमी आ जाती है तथा अपेक्षाकृत वृद्धि दर भी कम हो जाती है। प्रवास के गन्तव्य क्षेत्रों में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत होती है।
(ख) सामाजिक परिणाम:प्रवास के कारण विभिन्न संस्कृतियाँ एक-दूसरे के सम्पर्क में आती हैं। अप्रवासन क्षेत्रों में भिन्न संस्कृतियों वाले व्यक्तियों के आने से इन क्षेत्रों की संस्कृति अधिक समृद्ध हो जाती है। भारत की आधुनिक संस्कृति अनेक संस्कृतियों के मेल का परिणाम है तथा ये संस्कृतियाँ भारत में आने वाले विभिन्न लोगों के साथ विश्व के दूसरे भागों से आयी थीं। परंतु कई बार भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक समुदायों के एक ही स्थान पर प्रवास करने के कारण सांस्कृतिक तनाव भी उत्पन्न हो जाता है।
(ग) आर्थिक परिणाम:प्रवास के आर्थिक परिणाम में, जनसंख्या-संसाधन अनुपात पर पड़ने वाला प्रभाव सबसे महत्त्वपूर्ण है। प्रवास के उद्गम तथा गन्तव्य वाले दोनों ही क्षेत्रों में इस अनुपात पर प्रभाव पड़ता है। जनसंख्या-संसाधन अनुपात के आधार पर हम किसी क्षेत्र को अति न्यून जनसंख्या वाला अथवा अत्यधिक जनसंख्या वाला अथवा आदर्श जनसंख्या वाला क्षेत्र कह सकते हैं। अति कम जनसंख्या की परिस्थिति में किसी क्षेत्र की जनसंख्या इतनी कम होती है कि इसके कारण वहाँ के संसाधनों के विकास में बाधा पड़ सकती है। इसके विपरीत अत्यधिक जनसंख्या की स्थिति में किसी क्षेत्र के संसाधनों का जनसंख्या का दवाब इतना अधिक हो जाता है कि लोगों का जीवन स्तर गिरने लगता है।
यदि किसी देश की जनसंख्या वहाँ के संसाधनों के विकास में बाधक न हो तथा जीवन स्तर को भी कम न करती हो तो ऐसे देश की उस जनसंख्या को आदर्श जनसंख्या कहा जाएगा। यदि प्रवास के अन्तर्गत लोग एक अत्यधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में अति न्यून जनसंख्या वाले क्षेत्र में जा रहे हों तो इससे दोनों ही क्षेत्रों से जनसंख्या तथा संसाधनों का संतुलन सुधरेगा। इसके विपरीत अति न्यून जनसंख्या वाले क्षेत्रों से अत्यधिक अथवा आदर्श जनसंख्या वाले क्षेत्रों में प्रवास के परिणाम दोनों ही क्षेत्रों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों का स्थानांतरण क्या कहलाता है?(A) वितरण(B) घनत्व(C) प्रवास(D) अपकर्षउत्तर:(C) प्रवास
प्रश्न 2.यदि प्रवास राज्य की सीमा के बाहर हो तो उसे क्या कहते हैं?(A) उत्प्रवास(B) प्रवास(C) अन्तर्राज्यीय प्रवास(D) अन्तः राज्यीय प्रवासउत्तर:(C) अन्तर्राज्यीय प्रवास
प्रश्न 3.भारत में अप्रवासी लोगों की संख्या कितनी है?(A) 70 प्रतिशत(B) 69 प्रतिशत(C) 65 प्रतिशत(D) 60 प्रतिशतउत्तर:(B) 69 प्रतिशत
प्रश्न 4.प्रवास को कौन-सी ई. से भारत की प्रथम संचालित जनगणना से दर्ज करना आरंभ किया गया था?(A) 1961 ई.(B) 1881 ई.(C) 1951ई(D) 2001 ई.उत्तर:(B) 1881 ई.
प्रश्न 5.भारत की जनगणना में प्रवास की गणना किस आधार पर की जाती है?(A) जन्म का स्थान(B) निवास का स्थान(C) (A) और (B) दोनों(D) इनमें से कोई नहींउत्तर:(C) (A) और (B) दोनों
प्रश्न 6.2001 की जनगणना के अनुसार भारतीय प्रवासियों की संख्या कितनी है जो अपने निवास स्थान से अलग रह रहे हैं?(A) 30.7 करोड़(B) 50.3 करोड़(C) 20.2 करोड़(D) 80.3 करोड़उत्तर:(A) 30.7 करोड़
प्रश्न 7.भारत की कुल जनसंख्या 2001 की जनगणना के अनुसार कितनी है?(A) 102.9 करोड़(B) 110 करोड़(C) 90 करोड़(D) 100 करोड़उत्तर:(A) 102.9 करोड़
प्रश्न 8.आंतरिक प्रवास की धार निम्न में से कौन-सी है?(A) ग्रामीण से ग्रामीण(B) ग्रामीण से नगरीय(C) नगरीय से नगरीय(D) नगरीय से ग्रामीण(E) सभीउत्तर:(E) सभी
प्रश्न 9.2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कितने लाख लोगों का प्रवास हुआ है?(A) एक करोड़(B) 50 लाख(C) 20 लाख(D) दो करोड़उत्तर:(B) 50 लाख
प्रश्न 10.भारत में कौन-से पड़ोसी देश से सबसे अधिक प्रवासी आए हैं?(A) पाकिस्तान(B) श्रीलंका(C) बांग्लादेश(D) अफगानिस्तानउत्तर:(C) बांग्लादेश
प्रश्न 11.भारत के कितने लोग 110 देशों में फैले हुए हैं?(A) एक करोड़(B) दो करोड़(C) तीन करोड़(D) चार करोड़उत्तर:(B) दो करोड़
प्रश्न 12.भारत में कौन-से राज्य प्रवासियों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं?(A) महाराष्ट्र(B) दिल्ली(C) गुजरात(D) हरियाणा(E) सभीउत्तर:(E) सभी
प्रश्न 13.कौन-से राज्य से उत्प्रवासियों की संख्या सर्वाधिक है?(A) गुजरात(B) केरल(C) उत्तर प्रदेश(D) बिहारउत्तर:(C) उत्तर प्रदेश
प्रश्न 14.सन् 2002 में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों से इंडियों के रूप में कितने अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए?(A) 50 अरब(B) 100 अरब(C) 110 अरब(D) 120 अरबउत्तर:(C) 110 अरब
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